Samastipur : स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आयोजित, गर्भवती महिलाओं विशेष सुविधा
समस्तीपुर में गर्भवती महिलाओं को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रसव पूर्व जांच में जटिल प्रसव वाली महिलाओं की होगी पहचान राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने जारी किया निर्देश वैश्विक माहामरी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।
समस्तीपुर, जासं।जिले के सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रत्येक महीने की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत अभियान कार्यक्रम आयोजित । इस संबंध में मातृ स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सरिता ने पत्र जारी कर सभी सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। वैश्विक माहामरी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। जारी पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य संस्थानों पर आने वाली गर्भवती माताओं का गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच करवाना सुनिश्चित किया जाय।प्रसव पूर्व जांच के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की ट्रैकिंग किया जाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। ताकि मातृ मृत्यु में कमी लाई जा सके। कैंप के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान कर इसकी सूची पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा मिलेगी :
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती है और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास :
सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि अत्यधिक रक्तस्राव से महिला की जान जाने की खतरा सबसे अधिक होती है। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून सात ग्राम से कम पाया जाता है तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक या कम वजन एवं अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है। इस दिशा में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना प्रभावी रूप से सुदूर गांवों में रहने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है एवं इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी अंकुश लगाने में सफलता मिल रही है।