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AES in Muzaffarpur : दरवाजे पर बीमारी और इलाज की आधी-अधूरी तैयारी

AES in Muzaffarpur सकरा में एईएस प्रॉटोकल टूटने के बाद सकते में विभाग। सभी पीएचसी प्रभारी को दिया गया कमियों को दूर करने का आदेश।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 03:32 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 03:32 PM (IST)
AES in Muzaffarpur : दरवाजे पर बीमारी और इलाज की  आधी-अधूरी तैयारी
AES in Muzaffarpur : दरवाजे पर बीमारी और इलाज की आधी-अधूरी तैयारी

मुजफ्फरप़ुर, [अमरेन्द्र तिवारी]। गर्मी में हर साल बच्चाें के लिए काल बनकर आने वाली एईएस यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम की तैयारी इस बार पीछे चल रही है। जबकि बीमारी ने दस्तक दे दिया है। यूं कहें कि आधी अधूरी तैयारी, दरवाजे पर दस्तक दे दी बीमारी, वाला हाल है। शत प्रतिशत घर तक जागरूकता पर्चा तक नहीं पहुंच पाया है। विशेष वार्ड व मरीज परिजनों के लिए धर्मशाला तैयार होना तो दूर की बात है।

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  राज्य स्तर की समीक्षा में स्वास्थ्य मंत्री ने दो मार्च को कहा था कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक विशेष वार्ड तैयार हो लेकिन, अब भी अधूरा ह्रै। पिछले साल मुजफ्फरपुर में 431 मरीज आए थे, जिसमें 111 की मौत हुई थी। इस साल जिले में दो बच्चे एईएस पीड़ित हो चुके हैं। जिसमें सकरा के एक बच्चे की मौत हुई है।

जो नहीं हो सका

- सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में मातृ-शिशु सदन को पूरा करना था लेकिन, अब तक पूरा नहीं हुआ

- सदर अस्पताल में भवन व उपस्कर तैयार करना लेकिन, वह अब तक चालू ही नहीं

- एसकेएमसीएच में अभी चल रहा निर्माण, मरीज का अाना शुरू

- हर घर में जागरूकता पर्चा का करना था वितरण, साढ़े आठ लाख घर का तय था लक्ष्य लेकिन जिले में आए मात्र एक लाख 38 हजार की जागरूकता पर्चा

- पर्चा को लेकर दुबारा राज्य मुख्यालय से चल रही बातचीत

- हर प्रखंड स्तर पर पारा मेडिकल स्टाफ को मिलना था प्रशिक्षण जो अब तक अधूरा है

- जिले के सभी पीएचसी में शत प्रतिशत एएनएम के पास ग्लूकोमीटर व उसका स्ट्रीप रहना चाहिए लेकिन कुछ के पास पुराना तो कुछ के पास स्ट्रीप तक का संकट है

- हर घर तक ओआरएस व पारासिटामोल की गोली जानी चाहिए ताकि अगर ब्च्चे के बुखार पर नियंत्रण किया जा सके और बुखार नियंत्रण के साथ उसको अस्पताल तक लाया जा सके

यह अब तक की तैयारी

- सभी पीएचसी में दो से लेकर पांच बेड तक का विशेष वार्ड तैयार

- सभी विशेष वार्ड मेें एसी, बेड, जरूरी दवा व उपस्कर है उपलब्ध

- अब तक जिले के सभी चिकित्सकों के साथ डीसीएम, बीसीएम, वेक्टर वर्न जनित रोग सुपरवाइजर दो डाटा ऑपरेटर को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया गया है

- जिला स्तर पर नियंत्रण व जानकारी के लिए कंट्रोल रूम काम कर रहा है

- जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा.आरपी सिंह की निगरानी में जेई टीकारण के विशेष लक्ष्य को पूरा करते हुए 3 लाख 31 हजार बच्चों को खुराक दी गई है

सिविल सर्जन डाॅ.एसपी सिंह ने कहा कि अचानक कोरोना का देशव्यापी प्रभाव सामने आने के बाद एईएस की तैयारी की गति धीमी हुई है। लेकिन पीएचसी स्तर पर विशेष वार्ड, चिकित्सकों का प्रशिक्षण नुक्कड नाटक के जरिए जागरूकता, आंगनबाड़ी केन्द्र पर पोषण पखवारा का आयोजन हो चुका है। लॉक डाउन के दौरान भी विडियो व मास्टर ट्रेनर के जरिए प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है। पर्चा का वितरण चल रहा है। जो भी कमी है उसको पूरा करने का निर्देश पीएचसी प्रभारी को दिया गया है। सकरा में इलाज में लापरवाही सामने आई थी। वहां के प्रभारी से जवाब तलब के साथ जांच चल रही है।

मुजफ्फरपुर जिले का यह आंकड़ा

साल---बीमार बच्चे-----मौत

2010------59------24

2011---121-----=45

2012----336-----120

2013--124-----39

2014---701-----90

2015----72-----09

2016----31----04

2017----17-----11

2018----15-----08

2019----431----111

2020---2------01 


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