मधुबनी में बोर्ड परीक्षा की तैयारी, अर्थशास्त्र के सभी चैप्टर की मूल अवधारणा पर दें विशेष ध्यान
Madhubani News इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी के लिए आत्मबल को रखें ऊंचा लिखने से पहले प्रश्नों को सही ढंग से समझकर जवाब लिखा जाना सफलता की पहली सीढ़ी होता है। परीक्षा में साखतौर पर समय का ध्यान रखना बेहद जरूर है।
मधुबनी, जासं। इंटरमीडिएट की होने वाली परीक्षा की तैयारी में परीक्षार्थी जुटे हैं। विभिन्न विषयों को लेकर उधेड़बुन की स्थिति स्वाभाविक है। परीक्षार्थियों को विषयों को लेकर सजग रहने की जरूरत होती है। परीक्षा के क्रम में सवालों को सही ढंग से समझकर सही जवाब लिखा जाना सफलता की प्रथम सीढ़ी होता है। परीक्षार्थियों को गंभीरतापूर्वक तैयारी के साथ प्रश्नों का सटीक जवाब लिखने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। परीक्षा से पूर्व सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। इंटरमीडिएट के अर्थशास्त्र के परीक्षार्थियों के लिए प्रस्तुत है शिक्षक ओपी गुप्ता का सलाह।
इसका रखें ख्याल
अर्थशास्त्र के लिए निम्न महत्वपूर्ण चैप्टर
- व्यष्टि अर्थशास्त्र
- उपभोक्ता संतुलन
- मांग और मांग की लोच की अवधारणा
- बाजार का वर्गीकरण
- राष्ट्रीय आय की अवधारणा
- मुद्रा और बैंङ्क्षकग
- विदेशी विनिमय दर
- सरकारी बजट
- भुगतान एवं व्यापार शेष
- निवेश गुणक
100 अंक के पूछे जाएंगे प्रश्न :
- वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या 100 होगी। जिसमे किसी भी 50 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य होगा। कुल अंक 50 के होंगे।
- लघु उत्तरीय प्रश्नों की संख्या 30 होगी। जिसमें 15 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य होगा। कुल अंक 30 होंगे।
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या आठ होगी। जिसमे से चार प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य होगा। प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का होगा। कुल अंक 20 होगा।
अर्थशास्त्र विषय में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न
समसीमांत उपयोगिता और सीमांत उपयोगिता के नियम, व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र मे अंतर, मुद्रा के कार्य, वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाईयां, केंद्रीय बैंक के साख नियंत्रण के तरीके, व्यापारिक और केंद्रीय बैंक के कार्य, पूर्ण प्रतियोगिता और एकाधिकार मे अंतर, स्थिर विनिमय दर के गुण और दोष, मांग के नियम और इसके अपवाद, पूर्ति के नियम स्फीति अंतराल और अवस्फीति अंतराल, नकद संचय अनुपात, वैधानिक अनुपात और बैंक दर का अर्थ, व्यापार चक्र क्या है, भुगतान शेष और व्यापार शेष मे अंतर, सकल घरेलू उत्पाद, सकल राष्ट्रीय उत्पाद, शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद और शुद्ध घरेलू उत्पाद का अर्थ, आर्थिक क्रियाओं के प्रकार, अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्या, प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर का अर्थ एवं उदाहरण, सरकारी बजट की विशेषता, कुल उपयोगिता एवं सीमांत उपयोगिता की अवधारणा, स्थानापन एवं पूरक वस्तु, सीमांत उपभोग की प्रवृती एवं बचत उपभोग की प्रवृत्ति मे संबंध, मांग की तालिका, अर्थव्यवस्था के प्रकार, स्थायी लागत और परिवर्तनशील लागत, मांग की लोच को प्रभावित करने वाले तत्व, प्राथमिक क्षेत्र और द्वित्यक क्षेत्र मे अंतर, समग्र मांग, समग्र पूर्ति, नयुन मांग और अतिरेक मांग, उदासीनता वक्र तथा उत्पादन फलन क्या है जैसे प्रश्र शामिल हो सकते हैं।
परीक्षार्थियों के लिए जरूरी बातें :
- नोट्स एवं चुने हुए प्रश्नों को बेहतर ढंग से तैयारी करें।
- परिश्रम से ही सफलता मिलती है। परीक्षा की तैयारी के लिए आत्मबल को ऊंचा रखें।
- पढ़ाई के साथ-साथ नियमित दिनचर्या रखें। सात-आठ घंटे की नींद अवश्य लें।
- परीक्षा को बोझिल नहीं मानते हुए इसे सहज भाव से तैयारी में लगे रहना चाहिए।
- परीक्षा की तैयारी करने वालों को पूरी तन्मयता से अध्ययन करना चाहिए।