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Samastipur : गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से करें परहेज, जान‍िए स्त्री रोग विशेषज्ञ का सुझाव

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी ठाकुर ने बताया कि कोरोना काल में बेहतर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की जरूरत भी है। छह महीने तक नवजात के लिए सिर्फ स्तनपान ही काफी भोजन में विविधता से भरे पोषण को करना होगा शामिल

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 12:12 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 12:12 PM (IST)
Samastipur : गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से करें परहेज, जान‍िए स्त्री रोग विशेषज्ञ का सुझाव
समस्‍तीपुर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी ठाकुर। जागरण

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता । कोरोना वायरस ने जहां आम जीवन को काफी प्रभावित किया है। वहीं गर्मी की शुरुआत होने से गर्म हवाओं का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। गर्म हवाएं यानी लू लगने की गंभीर अवस्था में इलाज नहीं मिलने पर मौत भी हो जाती है। लू से बचने के लिए सही खानपान जरूरी है। ऐसे में विशेषकर नवजात शिशुओं व गर्भवती महिलाओं के पोषण का ख्याल रखा जाना जरूरी है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी ठाकुर ने बताया कि कोरोना काल में बेहतर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की जरूरत भी है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को भोजन में हरी साग सब्जी की मात्रा बढ़ाने के साथ भरपूर मात्रा में पानी लिया जाना चाहिए। इसके अलावा मौसमी फल, दही व छाछ जैसी खाद्य पदार्थ का सेवन भी काफी उपयोगी है।

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खाली पेट नहीं रहें

कोरोना एवं लू के मद्देनजर गर्भवती महिलाएं गर्मी के मौसम में घर से निकलने में परहेज करें। यदि घर से बाहर निकलना अनिवार्य हो तो खाली पेट घर से बाहर न जाएं। लू से बचने के लिए बहुत अधिक देर तक खाली पेट बिल्कुल नहीं रहें। लू लगने की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है। प्राथमिक उपचार के तौर पर ओआरएस का घोल दिया जाना चाहिए ताकि उल्टी व दस्त की समस्या का दूर किया जा सके। विशेष परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए।

डायरिया व निमोनिया से करें बचाव

छह महीने तक के शिशुओं के लिए सिर्फ स्तनपान की पर्याप्त है। उन्हें कोई भी तरल पदार्थ अलग से नहीं दिया जाना चाहिए। यहां तक की पानी भी नहीं दिया जाए। शिशु को पूरी तरह अधिक से अधिक स्तनपान कराने से डायरिया एवं निमोनिया जैसे रोगों से बचाव संभव है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी भरपूर पौष्टिक आहार जेसे दाल व हरी सब्जी सहित तरल पदार्थ के सेवन को बढ़ाना चाहिए। स्तनपान के माध्यम से बच्चे को आवश्यक पोषण मिल पाता है।

सावधानी ही बचाव का उपाय

तेज धूप व गर्म हवा के बीच गर्भवती महिलाओं का निकलना घातक होता है। गर्भवती महिला को लू लगना उनके गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है। घर से बाहर निकलने से पहले पूरी सावधानी बरतें। छाता व तौलिया आदि का इस्तेमाल जरूर करें। बहुत ही आवश्यक होने पर ही पूरी सुरक्षा के साथ घर से बाहर निकलें।

ओआरएस सदैव घर में रखें

बाहर निकलने से पहले प्रचूर मात्रा में नींबू पानी या सत्तु आदि पीकर निकलना लू के असर को रोक सकता है। इसके साथ ही घर में इलेक्ट्रॉल पाउडर व ओआरएस आदि भी रखें ताकि समय पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। इनके नहीं रहने पर नींबू पानी चीनी और थोड़ा नमक का शरबत बनाकर दिया जा सकता है। लू से बचाव के लिए बेहतर उपाय है।

ऐसे पहचाने लू के लक्षण

- तेज सिर दर्द का होना।

- उल्टी या जी मचलाना।

- बुखार का होना।

- त्वचा का लाल, गर्म एवं सूखा होना।

- बेहोशी या चक्कर आना।

- घबराहट या संशय का बढ़ जाना।

- अत्यधिक आलस्य या सुस्ती।


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