पश्चिम चंपारण महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी की पहचान इस वजह से लेडी सिंघम के रूप में बन गई
महिला और बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए वे सदैव तत्पर रहती है। समस्याओं से जंग कैसे जीते जाते हैं यह उनसे सिखा जा सकता है। यहीं कारण हैं कि अब तक पूनम कुमारी कई पुरस्कार को अपने नाम कर चुकी है। सैकड़ोें अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। अपराध और अपराधियों की दुश्मन बेतिया की महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी की पहचान अभी लेडी सिंघम के रूप में है। अपराधियों से भिंड़ने में आगे रहती है। महिला और बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए वे सदैव तत्पर रहती है। समस्याओं से जंग कैसे जीते जाते हैं, यह उनसे सिखा जा सकता है। यहीं कारण हैं कि अब तक पूनम कुमारी कई पुरस्कार को अपने नाम कर चुकी है। पूनम कुमारी ने सैकड़ोें अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। जबकि महिलाओं बच्चियों के प्रति अपराध करने वाले सैकड़ों लोगों को न्यायालय से सजा दिलवा चुकी है।
अपराध से कभी समझौता नहीं
मूलरूप से गोपालगंज की रहने वाली पूनम कुमारी 2009 में पुलिस सेवा में योगदान दी। सिवान और छपरा में महिला एससी,एसटी व कई थानाध्यक्ष के जिम्मेवारी निभाने के बाद बेतिया में आई और वर्षों से महिला थानाध्यक्ष के पद पर तैनात हैं। अपराध से कभी समझौता नहीं करने के कारण इनकी पहचान लेडी सिंघम के रूप में बन गई है। नगर के जनता सिनेमा चौक पर उनकी पुलिस चौकी है। थानाध्यक्ष की तत्परता के कारण अपराधी जनता सिनेमा चौक से गुजरने में कांपते है।
मिल चुके कई सम्मान
बच्चियों के प्रति बेहतर काम के लिए मिला पशुपति वीरता पुरस्कारअभियान चलाकर महिलाओं और बच्चियों को जागरूक करने और उन्हें अपराध से बचाने के लिए पूनम कुमारी को वर्ष 2016 में पशुपति विरता पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावे अपराध अनुसंधान विभाग (कमजोर वर्ग) की ओर से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। बेतहर काम के लिए बिहार के पुलिस महानिदेशक पुरस्कृत कर चुके है। महिलाओं में जागृति लाने के लिए बेतिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा बेतिया एसपी भी पूनम कुमारी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित कर चुके है।
लंबे संघर्ष की जरूरत
महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी का मानना हैं कि पुरूष प्रधान समाज में आज भी महिलाओं का कद छोटा है और महिलाओं को लंबे संघर्ष की जरूरत है। वे बताती हैं कि पुलिस की नौकरी में आने के बाद उनको काफी चिंता थी कि वे ड्यूटी कैसे कर पाएंगी। तब उन्होंने अपराध से समझौता नहीं करने का संकल्प लिया और राह पर निकल पड़ी। देखते ही देखते रास्ता बनता गया। वे कहते हैं कि जब भी किसी बच्ची या महिला पर अपराध की घटना सामने आती हैं तो वे खुद के साथ अपराधिकृत मान अंजाम की ओर चल पड़ती है। पूनम कुमारी सिर्फ अपराधियों की सफाया ही नहीं महिलाओं के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है।
कोरोना काल में बांटे मास्क व सैनिटाइजर
महिला थानाध्यक्ष कोरोना काल में सैकड़ों को मास्क व सैनिटाइजर बांट कोरोना से बचाव की कोशिश की। लॉकडाउन में जरूरत मंद व भूखे के घर-घर जा खाना भी पहुंचवाया। अपने कर्तव्य के प्रति कितनी समर्पित जुझारू हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैं कि चुनाव के समय वाहन जांच व मास्क जांच अभियान में सबसे ज्यादा जुर्माना की राशि महिला थाना की ओर से ही वसूला गया है।