शादी को हुए छह माह, साथ रहने आई 20 दिन पहले और ऐसी नफरत की पति ने 13 गोलियां शरीर में उतार दीं ...
सीतामढ़ी में पुलिस जवान ने अपने सीने में भी मारीं तीन गोलियां। कमरे में तड़तड़ाती रही एके-47 और वारदात से पूरी तरह बेखबर रहे दूसरे कमरे के लोग।
सीतामढ़ी, जेएनएन। सीतामढ़ी में पुलिसकर्मी चंद्रभूषण(26) ने अपनी पत्नी मधु देवी (24) को एके-47 से भून दिया। इसके बाद खुद को भी उड़ा लिया। दिल को दहला देनेवाली इस वारदात ने हर आम-व-खास को झकझोर कर रख दिया। इसके साथ-साथ सवाल भी उठने लगे हैं। सवाल यह कि सहरसा के सौर बाजार क्षेत्रान्तर्गत चिकनी बरसम गांव निवासी चंद्रभूषण की सहरसा के ही सलखुआ थानान्तर्गत ग्राम उटेसरा निवासी मधु से मात्र छह माह पूर्व शादी हुई थी। दरभंगा में नौकरी करने वाले उसके चचेरे भाई अनमोल कुमार का कहना है कि वह 20 दिन पहले ही अपनी पत्नी को लेकर सीतामढ़ी आया था। सवाल है कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि चंद्रभूषण के अंदर मधु के लिए इतना नफरत भर गया कि उसने उसकी हत्या करने का निश्चय कर लिया। उसमें भी एक साथ 13 गोलियां उसके शरीर में उतार दी।
तीन गोलियां खुद को मारीं
दूसरा सवाल उसने खुद को क्यों उड़ा लिया। इसके साथ एक और सवाल लाेग पूछ रहे कि एके-47 से सीने पर एक गोली लग जाए तो इंसार धराशायी हो जाता है। क्या चंद्रभूषण इस स्थिति में रहा कि उसके एक साथी तीन गोलियां खुद को मारीं और सबसे बड़ा सवाल कि 16 राउंड फायरिंग होने के बाद भी कैसे बगल के कमरे में सो रहे लाेगों को भनक तक नहीं लगी। एक ही घर के अलग-अलग कमरे में पुलिस के अन्य जवान भी रह रहे हैं। आवाज कैसे नहीं हुई, क्या उसमें साइलेंसर लगा था या कमरे में सो रहे साथी पुलिसकर्मी इतनी गहरी नींद में थे कि उनको भनक न लग पाई। एके-47 राइफल की आवाज ऐसी नहीं होती कि कोई सुन न पाए।
उपरी मंजिल के सभी चार कमरों में रहते पुलिसकर्मी
पुलिस लाइन के ठीक बगल वाले मोहल्ले में दंपति सूर्यकांत महाराज के घर में किराये पर चंद्रभूषण अभी एक माह पहले ही से रह रहे थे। ग्राउंड फ्लोर पर मकान मालिक और उनका परिवार रहता है। उपर के कमरे में चार किरायेदार हैंं। चारों ही पुलिसकर्मी हैं। मकान मालकिन रीता देवी ने बताया कि चंद्रभूषण ने ड्यूटी से रात बारह बजे तक आने की बात फोन कर कही थी। मगर, अचानक 10 बजे ही पहुंच गया। अमूमन अपना हथियार लेकर नहीं आता था। मगर रात उसने साथ लाया था। 18 दिसंबर को एक कमरे का मकान किराये पर लिया था। उसी में खाना-पीना और रहना-सोना होता था।
वारदात के पीछे कोई साजिश तो नहीं
इस राइफल में कितनी गोलियां लोड थीं, यह भी अहमियत रखता है। जबकि 13 गोलियां पत्नी को मारने के बाद तीन गोलियां उसने खुद को मारीं। तीनों गोलियां उसके सीने में लगी है। घटना के कारणों का पता नहीं चल पाना और इतनी बेरहमी से हत्या की वारदात के पीछे संदेह होना लाजिमी है।
नहीं पहुंचे माता-पिता
बेटे और बहु की मौत की खबर सुनकर भी माता-पिता सहरसा से नहीं पहुंच पाए। जवान चंद्रभूषण तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बड़ा भाई नीतीश कुमार गांव में खेती-बारी करते हैं। बीच वाले मणिकांत हैं। दोनों सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद थे। घटना के पीछे के कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने भी अनभिज्ञता जताई।
खतरनाक है एके-47
एके-47 दुनिया की सबसे पहली और शायद सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल है। इसकी एक मैगजीन में 30 राउंड होते हैं। एके-47 की भेदन शक्ति इतनी अधिक है कि यह दीवारों, यहां तक कि कार के धातु के दरवाजे को भेदकर उसके पीछे बैठे इंसान को मार सकती है। शूटर चाहे तो एक-एक करके फायरिंग कर सकता है या फिर एक ही बार में पूरी मैगजीन खाली कर सकता है।
कारणों का पता नहीं चल सका
इस बारे में सीतामढ़ी एसपी अनिल कुमार ने कहा कि घटना की तफ्तीश की जा रही है। अभी तक कारणों का पता नहीं चल सका है। फॉरेंसिक जांच टीम की मदद ली जा रही है। 16 राउंड गोङ्क्षलया चली हैं। इतने ही खोखें कमरे से बरामद हुए हैं। 14 गोलियां जवान की पत्नी के शरीर में लगी हैं।