अहियापुर कांड: पुलिस ने नहीं सौंपी केस डायरी, छात्रा को जिंदा जलाने के आरोपित को मिली जमानत
अहियापुर में छात्रा को जिंदा जलाने का मामला। पांच बार मांगने के बाद भी महिला थानाध्यक्ष सह जांच कर्ता ने कोर्ट में नहीं सौंपी केस डायरी। जमानत अर्जी में तथ्य छुपाने का आरोप।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अहियापुर थाना क्षेत्र में जनवरी में छात्रा को जिंदा जलाने के मामले के मामले में महिला थाना पुलिस ने कोर्ट में केस डायरी प्रस्तुत नहीं किया। इससे मुख्य आरोपित राजा कुमार के सहयोगी मुकेश कुमार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी है। कोर्ट ने उसकी जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान पांच बार केस डायरी की मांग की थी। मामले की जांचकर्ता महिला थानाध्यक्ष आभा रानी ने कोर्ट में केस डायरी प्रस्तुत नहीं किया। इसका लाभ आरोपित को मिला।
कोर्ट ने उसे छह हजार के दो बंध पत्रों के साथ जमानतदारों को पेश करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। आठ जनवरी को अहियापुर इलाका में एक छात्रा को जिंदा जला दिया गया था। आरोपित बनाए जाने के बाद मुकेश ने इस मामले में सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। तब उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
छात्रा के अधिवक्ता ने लगाया आरोप
छात्रा की ओर से केस की पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि मुकेश की ओर से दाखिल जमानत अर्जी में कोर्ट को सही जानकारी नहीं दी गई थी। इस मामले में सीजेएम कोर्ट के आदेश से भादवि की धारा 302 हत्या करने जुड़ गई है, लेकिन इसे कोर्ट के समक्ष नहीं रखा। सुशील ने आइओ पर कार्रवाई करने की भी मांग कोर्ट से की है। उन्होंने बताया कि परिजनों को पुलिस की इस लापरवाही की आशंका पूर्व से ही थी। कई बार एसएसपी व नगर डीएसपी से भी मिलकर इसकी शिकायत की गई थी।