Muzaffarpur News: रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की योजना फेल, बसते जा रहे लोग
रेलवे अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई लोगों का बढ़ा मनोबल। 30 से 40 साल से रेलवे की जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रहे लोग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों की रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की योजना फेल है। इससे अवैध रूप से यहां रहने वाले लोग धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। कोई कार्रवाई न होने से उनका मनोबल बढ़ा है। सोनपुर व समस्तीपुर मंडल के हाजीपुर-समस्तीपुर-नरकटियागंज रेलमार्ग पर जमीन पर अवैध कब्जे की थाने में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं की गई है। 40 साल बीत गए। लोग रेलवे की जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी बनाकर गुजर-बसर कर रहे हैं। ट्रेनों में घटनाएं बढऩे पर बीच-बीच में ट्रैक के किनारे से अतिक्रमण हटाया जाता है, लेकिन सुबह में हटाया गया अतिक्रमण शाम होते ही दोबारा हो जाता है। इसके बाद एक बार भी अधिकारी झांकने तक नहीं आते हैं।
15 मीटर के सुरक्षा दायरे और ट्रैक के किनारे अतिक्रमण हटाने की कोशिश की गई, लेकिन उसका परिणाम कुछ नहीं निकला। लोगों के आक्रोशित होने के बाद रेलवे अधिकारी दोबारा नहीं आते हैं। हाजीपुर-समस्तीपुर-नरकटियागंज रेलमार्ग पर रेलवे की जमीन पर अवैध बस्तियां हैं। इसे खाली कराने की योजना तो बनाई गई, लेकिन मात्र सर्वे करके छोड़ दिया गया। इन्हें हटाने की कोई पहल शुरू नहीं हुई। इससे हाजीपुर और समस्तीपुर रेलमार्ग पर खबरा, मझौलिया, गोबरसही, सीहो, ढोली, कपरपुरा समेत अन्य जगहों पर लोग बढ़ते गए। इन बस्तियों में असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा रहता है।
हाजीपुर से मुजफ्फरपुर और मुजफ्फरपुर से समस्तीपुर रेलखंड पर रेलवे की जमीन पर 30 से 40 साल से अवैध लोग रह रहे हैं। मालूम हो कि दो साल पूर्व डीआरएम मनोज कुमार अग्रवाल के कार्यकाल में रेलवे की जमीन में अवैध कब्जे हटाने के लिए अभियान शुरू किया गया था। तुर्की रामदयालु नगर, भगवानपुर, मुजफ्फरपुर, नारायणपुर अनंत, कपरपुरा में अधिकारियों ने रेलवे की खाली जमीन का सर्वे किया था। इस पर विकास की योजना बनी, लेकिन वह बीच में ही लटक गई। पूर्व मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि खाली जमीन पर विकास करने की योजना है। यह प्रक्रिया लंबी है।