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घने जंगल में फंसे ब‍िहार के तीर्थयात्र‍ियों को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहुंचाई मदद, BJP प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा शुक्रि‍या

समस्तीपुर के न‍िवासी 19 यात्री ओडिशा से यात्रा कर वापस आने में रात के ढाई बजे गाड़ी खराब होने के कारण घने जंगलों में फंस गए। एक फोन कॉल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मैकेनिक व खाने-पीने की सुविधा हुई उपलब्ध कराई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने ट्वीट कर क‍िया धन्‍यवाद।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 01:47 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 04:34 PM (IST)
घने जंगल में फंसे ब‍िहार के तीर्थयात्र‍ियों को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहुंचाई मदद, BJP प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा शुक्रि‍या
यात्रा के दौरान गाड़ी में आई खराबी के बाद सड़क व मैदान में तीर्थयात्री

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। जब आदमी घर से बाहर हो और उसके सामने मुश्किलों का पहाड़ हो तो उसे दिन में ही तारे दिखाई देने लगते हैं। ऐसे समय में यात्री हर अपने लोगों को मदद के लिए पुकारता है। ऐसे ही मुश्किल भरे वक्त के हमराही समस्तीपुर के करीब 19 लोगों को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हरसंभव मदद की। एक फोन कॉल पर उन्होंने न केवल उस गाड़ी में हो चुकी खराबी के लिए मैकेनिक का इंतजाम करवाया बल्कि सभी के लिए खाने और नाश्ते का भी प्रबंध किया। इसकी जानकारी होने पर सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल एवं राज्य सरकार के मंत्री नीरज कुमार बब्लू ने ट्व‍िट कर केंद्रीय मंत्री को द‍िया ब‍िहारवास‍ियों की ओर से द‍िया धन्‍यवाद। उपमुख्‍यमंत्री तारक‍िशोर प्रसाद ने भी केंद्रीय मंत्री का ट्व‍िट कर आभार जताया।

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समस्तीपुर के मुसरीघरारी निवासी मनीष अपनी ट्रैभलर गाड़ी से बिरसिंहपुर के 19 लोगों को लेकर धार्मिक यात्रा पर निकले थे। इसमें महिला व बच्चे भी शामिल थे। गाड़ी जगन्नाथपुरी से लौट रही थी। रात्रि के करीब 2.30 बज रहे थे। उड़ीसा के हरिचंदनपुर रोड पर अचानक से गाड़ी में खराबी आ गई। चालक द्वारा इसकी जांच करने पर भी ठीक होने का जुगाड़ नहीं हो पाया। सो मन मारकर सभी लोग उसी गाड़ी में ही सो गए। सुबह में भी आस-पास किसी मैकेनिक का जुगाड़ नहीं देख सभी परेशान हो गए। कई जगह फोन किया। कहीं से कोई उम्मीद की किरण नहीं दिखाई दी। तब जाकर उसमें बैठे मनीष को केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान की याद आई।

 उस समय करीब सुबह के सात बज रहे थे। पता चला कि मंत्री उस समय वहां से 250-300 किलोमीटर की दूरी पर थे। पर उन्होंने जल्द समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन दिया। करीब 9 बजे मैकेनिक और खाना-पानी लेकर एक टीम वहां पहुंची। पहले उनके वाहन को ठीक किया फिर सभी को खाना खिलाकर गंतव्य के लिए विदा किया।


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