दवा दुकान बंदी के विरोध में सड़क पर उतरे फार्मेसी के छात्र, बताया लोगों के हित के खिलाफ
छात्रों की मांग जनहित व मरीज हित में वापस हो हड़ताल। औषधि नियंत्रक इस बंदी में शामिल सभी दवा दुकानों को चिह्नित कर उचित कार्रवाई करें।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एमआइटी के डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी के छात्रों ने दवा दुकान बंदी के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध जताया। प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए इंडियन फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन के स्टूडेंट फोरम के संयुक्त सचिव छत्तीस कुमार ने कहा कि हड़ताल मरीज हित और जनहित को देखते हुए वापस होनी चाहिए। औषधि नियंत्रक इस बंदी में शामिल सभी दवा दुकानों को चिह्नित कर उचित कार्रवाई करें।
दवा दुकानों से फार्मासिस्ट की आवश्यकता को समाप्त करने की बात फार्मेसी एक्ट 1948 का उल्लंघन है। जो फार्मासिस्ट हैं उनकी जिम्मेदारी होती है कि दवा को बनाने से लेकर मरीज तक सावधानीपूर्वक गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराई जाए। बताया कि बंदी में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र, सरकारी अस्पताल व नर्सिंग होम के अंदर संचालित दवा दुकानों को मुक्त रखा गया है। इससे नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में परेशानी नहीं होगी। पूरे बिहार में फार्मासिस्ट एसोसिएशन इस बंदी का विरोध जता रहे हैं। ंमौके पर छात्र संजीव कुमार, उमेश, सुभाष, नीलेश, विवेक, मंजीत, प्राची, दीपाली, शिवानी, अभिषेक, सुरभि, अंजलि आदि थीं।
आमसभा की पंजी फाड़ी, पर्यवेक्षिका का मोाबइल छीना
जिला अंतर्गत करजा थाना क्षेत्र के पडऱी चैनपुर वार्ड 11 में आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका बहाली के दौरान सरकारी पंजी फाडऩे व पर्यवेक्षिका का मोबाइल व पर्स छीन लेने का मामला प्रकाश में आया है । इस संबंध में पर्यवेक्षिका नेहा शर्मा ने करजा थाने में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
इसमें कहा गया कि सोमवार को झखड़ा शेख पंचायत के पडऱी चैनपुर वार्ड 11 में आंगनबाड़ी सेविका बहाली के लिए पहुंची थी। इसमें लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। वहीं उनका पर्स, मोबाइल छीन लिया व सरकारी पंजी जिसमें सेविका का आवेदन, मेधा सूची आदि था फाड़ दिया गया। बाद में पर्स व मोबाइल दे दिया गया। इस संबंध में थानाध्यक्ष सरोज कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।