मच्छरों के 'आतंक' ने छीनी रात की नींद, नगर निगम असहाय
पांच लाख शहरवासी परेशान मच्छरों के डंक से आए दिन हो रहे बीमार। इसको भगाने की निगम के पास नहीं है कोई योजना फॉगिंग मशीन बनी शोभा की वस्तु।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एक ओर शहर को स्वच्छ और स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है तो दूसरी ओर नगर निगम हर मोर्चे पर विफल साबित होता जा रहा। दिन-ब-दिन बढ़ रहे मच्छरों के आतंक ने निगम की पोल खोल दी है। इसका प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि शहरवासियों की रात की नींद उड़ गई है। इस स्थिति से मुक्ति दिलाने का जिम्मा नगर निगम का है, लेकिन निगम प्रशासन बेपरवाह है।
शहरवासियों को मच्छरों के दंश से मुक्ति दिलाने की निगम के पास कोई योजना नहीं है। तीन-साल पूर्व खरीदी गई फॉगिंग मशीन निगम की ही शोभा बढ़ा रही है। साल में एक या दो बार फॉगिंग का कागजी खेल जरूर खेला जाता है।
दिन में भी चैन नहीं
शहर एवं उसके आसपास के लाखों लोगों की नींद हराम हो चुकी है। पहले रात में मच्छर का दंश झेलना पड़ता था, लेकिन अब दिन में भी चैन नहीं। वे न सिर्फ शहरवासियों की नींद उड़ा रहे, बल्कि मलेरिया, कालाजार, डेंगू , जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे संक्रामक रोगों का शिकार भी बना रहे। डॉ. फिरोजुद्दीन फैज के अनुसार मच्छर शहरवासियों की सेहत खराब कर रहे हैं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
इलाज व वैकल्पिक उपायों पर कट रही जनता की जेब
मच्छरों के काटने से शहरवासी मलेरिया, डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। कई जान तक गंवा रहे हैं। बीमार होने पर इलाज के लिए लोगों को बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है। वहीं, मच्छरों से बचने की वैकल्पिक व्यवस्था अर्थात साधनों पर भी जेब ढीली करनी पड़ती है।
इस बारे में महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। मैं स्वयं भी अपने कार्यालय कक्ष में बैठ नहीं पा रहा हूं। निगम प्रशासन इस समस्या से निजात दिलाने को सजग नहीं हो पा रहा है।