अनदेखी : समस्तीपुर में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को नहीं मिल रही मदद, जानें ऑक्सीजन लेवल का कैसे रखें ध्यान
Samastipur News जांच के बाद पॉजिटिव मरीज को दवा की एक किट दे विभाग हो जाता निश्चिंत। नहीं बताया जाता है कि परेशानी होने पर किस से संपर्क करें। जांच में संक्रमित निकलने के चार दिन बाद भी नगर परिषद क्षेत्र के मरीज का नहीं लिया हाल।
समस्तीपुर, जासं। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को विभाग उनके खुद के भरोसे छोड़ रखी है। जांच के बाद कुछ को तो मेडिसीन किट मिला लेकिन अधिकतर को दवा भी नहीं मिली। विभाग सिर्फ मेडिसीन किट बनाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। इसके बाद न तो मरीज का व उनके परिजनों का कोई हाल पूछने वाला है। यहीं नहीं एंटीजन किट से हुई जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीज से पिछली कोई समस्या के बारे में भी नहीं पूछा जाता है। मसलन पहले से किसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित होने की जानकारी भी मरीज से नहीं ली जाती है। न तो ये बताया जाता है कि किसी भी तरह की समस्या होने पर क्या किया जाए। किस नंबर पर संपर्क किया जाए।
होम आइसोलेशन में ऑक्सीमीटर बेहद जरूरी
कोरोना संक्रमण पहले से काफी घातक होता जा रहा है। ऐसे में कई लोग बिना लक्षण के संक्रमित पाए जा रहे हैं। काफी संख्या में संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में ही रहकर अपना इलाज करा रहे है। स्वास्थ्य विभाग की ओर कुछेक मरीज को सिर्फ दवा किट ही दी जा रही है। इन्हें ऑक्सीजन लेवल जांच के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा रहा है। ऐसे में होम आइसोलेशन में रहने वाले अधिकतर मरीज ऑक्सीजन लेवल की जांच तक नहीं कर रहे है। दो-तीन दिन बाद जब मरीज की स्थिति बिगडऩे लगती है तब परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंच रहे है। ऐसे में समुचित जांच नहीं होने से उनकी मौत हो रही है।
ऑक्सीजन लेवल का ऐसे रखें ध्यान
- 95 से 100 प्रतिशत तक ऑक्सीजन का सामान्य है स्तर।
- 95 से अधिक ऑक्सीजन का स्तर है तो काई दिक्कत नहीं।
- 94 से कम ऑक्सीजन स्तर होने पर फेफड़ों में होती है परेशानी।
- 85 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन होने पर वेंटिलेटर की होती है जरूरत।
ऑक्सीजन लेवल को लेकर पैनिक न हों मरीज
डॉ. शालीन झा ने बताया कि कोविड-19 के मरीज होम आइसोलेशन के दौरान ऑक्सीजन लेवल को लेकर पैनिक नहीं हो। कुछ आसान उपाय है जिसे अपनाकर ऑक्सीजन लेवल मेंटेन कर सकते हैँ। मरीज को छह घंटे पर अपना ऑक्सीजन लेवल मापते रहना चाहिए। 94 से कम ऑक्सीजन स्तर होने पर प्रोन पोजीशन अपनाना चाहिए। यह काफी कारगर उपाय है। इससे ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहता है। अगर मरीज 40 मिनट तक लेटे रहते हैं तो ऑक्सीजन लेवल में काफी हद तक सुधार होता है।