Bihar news : मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में बेचैनी से छटपटाता रहा मरीज, इलाज से शुरू होने पहले मौत
Muzaffarpur कोरोना जांच की लाइन में लगने के दौरान ही तोड़ा दिया दम जांच के बाद बेटा पाया गया पॉजिटिव जिलाधिकारी पहुंचे सदर अस्पताल लिया हालात का जायजा व्यवस्था में सुधार की दी हिदायत कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का करें पालन
By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 10:13 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:13 PM (IST)
मुजफ्फरपुर,जासं। सदर अस्पताल में इलाज से पहले ही एक मरीज की मौत हो गई। उसके बाद वहां पर अफरातफरी मच गई। जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी प्रणव कुमार दल-बल के साथ पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने वहां की व्यवस्था का निरीक्षण कर सुधार की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच रिपोर्ट समय पर मिलनी चाहिए।
मौत के बाद मृतक के पत्नी और पुत्र की कोरोना जांच कराई गई। पत्नी निगेटिव और पुत्र पॉजिटिव पाया गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने चर्चा रही कि पिता भी कोरोना पॉजिटिव हो सकते है, लेकिन उनकी जांच नहीं हो पाई थी।
सदर अस्पताल में कथैया निवासी बालेंद्र तिवारी (48) इलाज कराने इमरजेंसी में पहुंचे। इलाज से पहले वहां तैनात चिकित्सकों ने सलाह दी कि कोरोना जांच कराकर आएं। वह जांच के लिए पैदल ही कोरोना जांच सेंटर पर पहुंचे और लाइन में लग गई। इस बीच वह परिसर में गिर गए और छटपटाने लगे। कोरोना की शंका से वहां पर कोई देखने तक नहीं आया। कुछ ही देर में उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे पहले जांच कराने वाले लाइन में काफी लोग थे। मौत होते देख वहां मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई। जांच केंद्र पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी भी भाग गए। मौके पर शव के साथ सिर्फ पत्नी व बेटा ही रोते-विलखते रहे। उनकी कोई सुनने वाला नहीं था।
स्वजनों ने आरोप लगाया कि ढाई घंटे तक शव जांच केंद्र परिसर में पड़ा रहा, लेकिन न तो कोई स्वास्थ्य अधिकारी पहुंचा और न ही कर्मी। दो घंटे बाद जब अधिकारियों को मौत की जानकारी हुई हुई तो आननफानन में नगर थाना पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सुबह 11 बजे स्वजन के सहमति से उसे कथैया स्थित गांव भेज दिया।
स्वजनों ने इलाज नहीं करने का लगाया आरोप, हंगामा
पिता की मौत के बाद पुत्र फोन करके परिचितों को बुलाने लगा। हंगामा कर इलाज नहीं करने का आरोप लगाया। उसने बताया कि पिता की गुरुवार की रात में तबीयत खराब हो गई थी। वह शुक्रवार को सुबह सदर अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचा। वहां इलाज से पहले कोरोना जांच कराने को कहा गया। उसने निजी लैब से जांच कराई गई जांच की रिपोर्ट भी दिखाई, लेकिन फिर से जांच कराने को कहा गया। मजबूरन उन्हें जांच कराने के लिए लाइन में लगाना पड़ा। आरोप लगाया कि इलाज में हुई देरी से पिता की मौत हो गई।
-शव को स्वजन को दे दिया गया है। जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक वह एक कपड़ा की दुकान में काम करते थे। पिछले तीन दिनों से बीमार थे। इलाज से पहले कोरोना जांच के दौरान उनकी मौत हो गई। साथ आई पत्नी व बेटा की जांच हुई। बेटा पॉजिटिव मिला है। उसे होम आइसोलेशन में रहने का सुझाव दिया गया है।
-डॉॅ.एसके चौधरी, सिविल सर्जन
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