दूसरे प्रदेशों में लीची आपूर्ति को प्रशासन जारी करेगा पास
जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को समाहरणालय में लीची उत्पादकों व्यापारियों व लीची प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
मुजफ्फरपुर : जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को समाहरणालय में लीची उत्पादकों, व्यापारियों व लीची प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें कोरोना वायरस के संक्त्रमण की रोकथाम व बचाव को लेकर लॉकडाउन की स्थिति में आने वाली कठिनाइयों को लेकर विमर्श किया। डीएम ने जिला स्तरीय लीची टास्क फोर्स समिति गठित करने का निर्णय लिया। इसके अध्यक्ष उप विकास आयुक्त होंगे। वहीं, व्यापारियों की दूसरे प्रदेशों में लीची आपूर्ति कराने के लिए प्रशासन की तरफ से पास जारी करने की बात कही।
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प्रत्येक मंगलवार को होगी बैठक : डीडीसी की अध्यक्षता में प्रत्येक मंगलवार को इससे संबंधित बैठक होगी। कमेटी में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, जिला उद्योग प्रबंधक, जिला परिवहन पदाधिकारी के साथ लीची उत्पादकों, व्यापारियों व प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले के एक-एक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। डीएम ने सभी को आश्वस्त किया कि लीची की ढुलाई से संबंधित परिवहन में किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी। शाम छह बजे के बाद लीची लोडिंग का कार्य किया जा सकेगा। इसके लिए विहित प्रक्त्रिया के तहत प्रशासन अनुमति देगा। प्रोसेसिंग यूनिट से जुड़े बाहर के इंजीनियर और व्यापारियों के आवागमन में सुविधा हो। इसको लेकर कहा गया कि प्रतिनिधि सूची उपलब्ध कराएं, ताकि उनके लिए भी पास निर्गत किया किया जा सके। अन्य राज्यों में भेजे जाने वाले ट्रकों के लिए भी पास दिए जाएंगे, ताकि दूसरे राज्यों की मंडियों में लीची की ढुलाई का कार्य ससमय हो सके।
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सरकार तक पहुंचाई जाएगी व्यापारियों की बात : व्यापारियों ने बताया कि वर्तमान में रेलवे से सप्ताह में दो दिन रैक उपलब्ध कराने की सहमति बनी है। व्यापारियों ने अनुरोध किया कि पीक सीजन में रेलवे द्वारा प्रतिदिन रैक की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इस समस्या का समाधान कराया जाए। लीची किसानों को क्षतिपूर्ति अनुदान, केसीसी से आच्छादन, फसल बीमा व न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण के संबंध में डीएम ने कहा कि उक्त विषय को सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, निदेशक लीची अनुसंधान केंद्र के अतिरिक्त लीची उत्पादक, व्यापारी वर्ग और प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले प्रतिनिधि थे।