सप्तक्रांति में सीटों की नीलामी, जनरल बोगियों में वेंडरों का कब्जा
ट्रेन की सीट पर खानपान सेवा के लिए रिजर्व लिखकर यात्रियों से वसूली। 100 रुपये लिए सादा खाने के जबरन वसूली। 30 यात्रियों से वेंडर ने कमाए तीन हजार रुपये।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ट्रेन की जनरल बोगियों में पेंट्रीकार वेंडरों की मनमानी, दबंगई और रेलवे को खुली चुनौती। हिम्मत है तो हमें पकड़ लो...और कार्रवाई करो। दिल्ली से आनेवाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस की जनरल बोगी में कुछ सीटों पर 'स्टाफ सीटÓ लिखकर बेचा गया। सीट के लिए खुली नीलामी। जितनी ऊंची बोली, सीट मिलने की गारंटी उतनी। जिसके पास पैसे नहीं, उन्हें दुत्कार। सीट देने के साथ यात्रियों को खाना लेने के लिए भी बाध्य किया गया।
सीट पर लिखा, खानापान सेवा के लिए रिजर्व
पेंट्रीकार वेंडरों ने जनरल बोगी के एक केबिन की सीटों पर खानपान सेवा के लिए रिजर्व और स्टाफ सीट लिख दिया। यात्री जब बैठने पहुंचे तो सौ-सौ रुपये चार्ज किए गए। किसी ने ज्यादा ऑफर किया तो उसे सीट दे दी गई।
20 रुपये में पानी की बोतल
ट्रेन से यात्रा कर रहे सुरेश कुमार, संतोष कुमार, रमेश आदि ने बताया कि पेंट्रीकार के लिए सीट को रिजर्व किया गया था। जबरन सादा खाना देकर उसके भी 100 रुपये वसूले गए। कई यात्रियों ने खाना फेंक दिया। विरोध पर वेंडर मारपीट पर उतारू हो गए। वेंडरों ने जनरल बोगी में पानी की बोतल भी 20 रुपये में बेची।
विरोध करने पर यात्रियों को भगाया
पेंट्रीकार वेंडर ने जनरल बोगी के एक कंपार्टमेंट की सभी सीटें यात्रियों के हाथ बेच दीं। 30 यात्रियों से तीन हजार रुपये की कमाई कर ली। यात्रियों ने विरोध किया तो दबंगई कर भगा दिया।
टीटीई ने नहीं की मदद
यात्रियों ने मामले की शिकायत टीटीई से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जंक्शन पर पेंट्रीकार केबिन के पास आकर यात्रियों ने हंगामा किया। तब मामले की जानकारी हुई। पेंट्रीकार में वेंडरों की खोजबीन की गई, लेकिन वे नहीं मिले। मामला आया-गया हो गया...।