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इलाज की सुविधा बढ़ी तो ऑक्सीमीटर की मांग में आई कमी

कोरोना संक्रमण घटने के साथ ही जिले में ऑक्सीमीटर की मांग घटी है। बाजार में अचानक मांग को देखते हुए ऑक्सीजन फैक्ट्री काम कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 02:06 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 02:06 AM (IST)
इलाज की सुविधा बढ़ी तो ऑक्सीमीटर की मांग में आई कमी
इलाज की सुविधा बढ़ी तो ऑक्सीमीटर की मांग में आई कमी

मुजफ्फरपुर। कोरोना संक्रमण घटने के साथ ही जिले में ऑक्सीमीटर की मांग घटी है। बाजार में अचानक मांग को देखते हुए ऑक्सीजन फैक्ट्री काम कर रहा है। जिससे बाजार में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं है। इसके साथ ही कुछ बड़े अस्पतालों ने अपना प्लांट लगा लिया है। जिससे वह अपना काम चले रहे हैं। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश संयुक्त सचिव दिलीप जालान ने बताया कि बाजार में ऑक्सीमीटर की कीमत 500 से 1000 के बीच में है। शुरुआत में प्रतिदिन 400 से 500 के बीच ऑक्सीमीटर बिक रहा था। लेकिन अगस्त से इसकी बिक्री घट गई है। अब मुश्किल से से 20 से 25 प्रतिदिन निकल पाता है। इसके पीछे दो कारण है एक पर्याप्त उपलब्धता व कोरोना का संक्रमण का दायरा का घटना। इलाज की भी पर्याप्त व्यवस्था हो गई है। आर्मी अस्पताल भी काम करने लगा है। लोगों के अंदर यह विश्वास मजबूत हुआ है कि अगर हम बीमार होंगे तो अस्पताल में जगह मिल जाएगी। बेड की कमी नहीं है। बताते हैं कि बाजार में पहले मेड इन चाइना के ऑक्सीमीटर बिक रहे थे। फिलहाल भारत में भी ऑक्सीमीटर बन रहे हैं। लेकिन चीन का उसपर एकाधिकार है। सस्ता रहने के कारण उसकी मांग रही। अभी चीन उत्पाद पर रोक लगने से भारतीय वितरक ऑक्सीमीटर पर अपना लेबल लगाकर बेच रहे हैं।

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होम क्वारंटाइन में भी रखें अपना ख्याल

बोचहां पीएचसी के प्रभारी मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ.नवीन कुमार ने बताया कि घर पर होम क्वारंटाइन में रहकर इलाज करा रहे मरीजों को ऑक्सीमीटर के जरिए शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा निरंतर मापने की सलाह दी जा रही है। यही कारण है कि घरों में इस्तेमाल के लिए ऑक्सीमीटर और अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। फिलहाल ऑक्सीमीटर व ऑक्सीजन की कमी बाजार में नहीं है। अस्पताल ने लगाया खुद का प्लांट

प्रसाद हॉस्पीटल के प्रबंधक अमर कुमार ने बताया कि उनके यहां सामान्य, घटना-दुघर्टना के शिकार मरीज के साथ कोरोना पॉजिटिव का इलाज चल रहा है। ऑक्सीजन की खपत करीब पचास सिलेंडर प्रतिदिन है। इसलिए खुद का अपना प्लांट लगा लिए हैं। शहर के अन्य बडे़ निजी अस्पतालों के पास भी खुद का प्लांट है। ऑक्सीजन व ऑक्सीमीटर पर विभागीय निगरानी

ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि कहते हैं कि किसी भी निजी या सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। वह खुद प्रतिदिन निरीक्षण करते रहते हैं। बेला औद्योगिक क्षेत्र ऑक्सीजन प्लांट से भी प्रचुर मात्रा में आपूर्ति हो रही है। कुछ जगहों पर पाटलीपुत्र औद्योगिक इलाके से आपूर्ति की जा रही है। बाजार में जांच के दौरान ऑक्सीमीटर के भौतिक सत्यापन में कुछ खास कमी नहीं मिली। बाजार में कीमत नियंत्रित है।


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