Bihar News: मुजफ्फरपुर में सांसों की सौदेबाजी, 25 हजार रुपये में बिक रहे ऑक्सीजन सिलेंडर
बिहार के मुजफ्फरपुर में पांच हजार का सिलेंडर बिक रहा 25 हजार रुपये में तीन हजार के छोटे सिलेंडर की 10 हजार में हो रही बिक्री कोरोना संक्रमण की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ गई है। अब इसकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी शुरू हो गई है।
मुजफ्फरपुर, जासं। देश, राज्य सहित जिले में ऑक्सीजन की किल्लत है। इसके मद्देनजर कुछ लोग सांसों की सौदेबाजी कर रहे हैं। पोर्टेबल सिलेंडर की कीमत 25 हजार तक ली जा रही है, जबकि उसकी वास्तविक कीमत पांच हजार रुपये है। तीन हजार वाले छोटे वाले ऑक्सीजन सिलेंडर 10 हजार तक में बिक रहे। उसके थोड़ा अधिक वाले 15 हजार रुपये में बिक रहे।
मीटर किट के लिए हाहाकार
कुछ लोग अधिक पैसे देकर ऑक्सीजन सिलेंडर को खरीद ले रहे, लेकिन उनको मीटर किट उपलब्ध नहीं हो रहा। इस किट में मीटर से लेकर मास्क तक दी जाती है। इसका सामान्य भाव एक हजार रुपये है। इसकी बिक्री तीन हजार रुपये में हो रही है। दामोदरपुर और बेला औद्योगिक क्षेत्र के फेज दो में बात करने की कोशिश की गई लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक परिमल कुमार सिन्हा ने कहा कि दो दिनों में दामोदरपुर स्थित ऑक्सीजन प्लांट चालू हो जाएगा। उसके बाद थोड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के ऑक्सीजन प्लांट से प्रतिदिन 800 बड़ा सिलेंडर का ही रीफिङ्क्षलग हो रही, जबकि डिमांड चार हजार के करीब है। दरभंगा, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मधेपुरा आदि जगहों से लोग ऑक्सीजन सिलेंडर मंगा रहे हैं।
मेडिकल के कोविड सेंटर में कभी लग सकती आग, वायरिंग जर्जर
महाराष्ट्र की घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर जिले में फायर ऑडिट शुरू कर दी गई। शनिवार को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कोविड सेंटर से जांच शुरू की गई। सभी वायङ्क्षरग जर्जर पाए गए। फायर ऑफिसर संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि एसकेएमसीएच के कोविड सेंटर में कभी आग लग सकती है। यहां फायर अलार्म नहीं है। स्मॉग डिटेक्शन नहीं हैं। हाइडेंट सिस्टम नहीं है। स्थाई पानी की टंकी नहीं है। उन्होंने उक्त कोविड सेंटर के अधीक्षक को 30 दिनों में कार्य पूरा कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि 30 दिनों बाद वे फिर इसकी जांच करेंगे। इसके पहले ही सभी तैयारी पूरी कर लेनी है। फायर ऑफिसर ने बताया कि एसकेएमसीएच के बाद सदर अस्पताल और निजी अस्पतालों की जांच की जाएगी।