Sitamarhi Accident News: सोनबरसा में ओवरलोडेड ट्रक ने राजमिस्त्री के बेटे को रौंदा, पिता भी जख्मी
Sitamarhi Accident News सीतामढ़ी-सोनबरसा एनएच-77 पथ पर फतेहपुर महुलिया के बीच सोमवार को एक बेलगाम ट्रक ने दो लोगों को कुचल डाला। जिससे युवक की मौत हो गई जबकि उसके पिता गंभीर रूप से जख्मी हो गए। ट्रक पर आलू लदा था।
सीतामढ़ी, जेएनएन। सीतामढ़ी-सोनबरसा एनएच-77 पथ पर फतेहपुर महुलिया के बीच सोमवार को एक बेलगाम ट्रक ने दो लोगों को कुचल डाला। जिससे युवक की मौत हो गई जबकि उसके पिता गंभीर रूप से जख्मी हो गए। ट्रक पर आलू लदा था। राजमिस्त्री साइकिल से अपने पिता के साथ काम पर जा रहा था। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। महुलिया निवासी मो. इसराफिल खान (30) अपने पुत्र अहमद रजा खान के साथ एक ही साइकिल पर जा रहे थे। इसराफिल का इलाज सोनबरसा पीएचसी में कराया जा रहा है। मृतक अहमद रजा की पत्नी गुलनाज खातून गर्भवती है। उसे एक पुत्र व एक पुत्री है। गुलजान का रो रोका बुरा हाल है। बीडीओ ओमप्रकाश ने मृतक के परिवार को पारिवारिक लाभ योजना के तहद 20 हजार का चेक और भुतही मुखिया मनोज कुमार ने कबीर अंत्येष्टी योजना से तीन हजार रुपये का चेक प्रदान किया।
ट्रक जब्त, चालक गिरफ्तार
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने चालक को गिरफ्तार करते हुए ट्रक को जब्त कर लिया है। चालक मेजरगंज के पोखरभिंडा गांव निवासी शशिभूषण सिंह के रूप में की गई है। बताया जाता है कि पिता-पुत्र दोनो ही राजमिस्त्री का काम करते हैं। सुबह करीब सात बजे साइकिल पर सवार होकर पिता व पुत्र मुसहरनीया गांव काम करने जा रहे थे। इसी बीच सीतामढ़ी की तरफ से आलू लदा 14 चक्का ट्रक सायकिल में पीछे से ठोकर मारा। जिससे पुत्र की मौत घटना स्थल पर हो गई। जबकि, पिता जख्मी हो गए। घटना को लेकर मृतक के घर मे कोहराम मचा हुआ है।
पुलिस प्रशासन के समझाने-बुझाने पर खत्म हुआ जाम
घटना के बाद ट्रक छोड़कर भाग रहे चालक को भीड़ से बचाकर स्थानीय सरपंच मो. जहांगीर खान ने जान बचाई और अपने घर सुरक्षित रख लिया। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क को बांस-बल्ले से जाम कर दिया। सड़क पर आगजनी कर बबाल काटा। करीब तीन घंटे तक जाम में वाहनों की सड़कों पर लंबी कतारें लग गई। सूचना पर सोनबरसा पुलिस प्रशासन घटना स्थल पहुंचे। बीडीओ ओम प्रकाश, थानाध्यक्ष गौड़ी शंकर बैठा ने आक्रोशितों को समझाने का प्रयास किया। परंतु ग्रामीण मानने को तैयार नही थे। ग्रामीणों ने मृतक की पत्नी के सरकारी नौकरी एवं सरकारी सहायता की मांग पर डटे रहे। करीब तीन घंटे के बाद गांव के बुद्धिजीवी एवं प्रशासन के द्वारा सरकारी नियमानुसार परिजनों को लाभ देने के बाद जाम को हटाया गया।