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नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवकों ने चलाया मतदाता जागरूकता अभियान

बोचहां प्रखंड क्षेत्र की उनसर पंचायत के उनसर गाव के वार्ड 6 में नेहरू युवा केंद्र मुजफ्फरपुर के बैनर तले प्रखंड के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों ने मतदाता जागरूकता अभियान चलाया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 01:39 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 01:39 AM (IST)
नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवकों ने चलाया मतदाता जागरूकता अभियान
नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवकों ने चलाया मतदाता जागरूकता अभियान

मुजफ्फरपुर : बोचहां प्रखंड क्षेत्र की उनसर पंचायत के उनसर गाव के वार्ड 6 में नेहरू युवा केंद्र मुजफ्फरपुर के बैनर तले प्रखंड के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों ने मतदाता जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया गया। वहीं, इसका महत्व भी लोगों को बताया। साथ ही आसपास के लोगों को इसके लिए प्रेरित करने की शपथ दिलाई गई। वहीं, कोरोना वायरस को लेकर कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए बूथ पर मतदान करने का आग्रह किया गया। स्वयंसेवकों ने जुलूस भी निकाला। मौके पर प्रखंड अध्यक्ष मंतोष कुमार, क्रांति युवा क्लब के अध्यक्ष रौशन कुमार, प्रीतम सिंह, रौशन कुमार, निखिल कुमार, नीतेश कुमार, शिवम कुमार, सुशात सिंह, राज कपूर, अभिषेक कुमार, धरती सिंह, मुकेश झा, शम्मी कुमार, अभिषेक आदि मौजूद रहे।

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एक वर्ष में ही नवनिर्मित सड़क में बने गढ्डे

मुजफ्फरपुर महुआ मार्ग के पकाही चौक से बड़ा इस्माइल तक साढे़ तीन किमी तक पीसीसी एवं कालीकरण की गई सड़क एक साल भी नहीं हुए कि जगह-जगह घास एवं गड्ढे में तब्दील हो गई। ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग मुजफ्फरपुर प्रमंडल पूर्वी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी, संबंधित मंत्रालय बिहार सरकार पटना को लिखित पत्र भेजकर इसकी शिकायत की है। चुनाव बाद संवेदक अपनी गलती को सुधार नहीं करते हैं तो लोग कार्यपालक अभियंता एवं संवेदक का पुतला दहन करेंगे। विदित हो कि एक साल पहले सड़क का निर्माण कराया गया था, लेकिन बनने के साथ ही सड़क टूटने लगी। इसके खिलाफ ग्रामीणों ने संबंधित कार्यपालक अभियंता को दूरभाष पर कई बार शिकायत की, लेकिन एसडीओ और जेई दोनों ने हरकत में आने के बाद कभी निर्माण स्थल पर आकर जाच की खानापूíत तो कर ली लेकिन गुणवत्ता का सुधार नहीं हो सका। मालूम हो कि सड़क निर्माण 7 अक्टूबर 2016 को शुरू कर इसे 1 अप्रैल 2017 तक समाप्त करना था, लेकिन सड़क निर्माण 2019 में पूरा हुआ। निर्माण के 13 महीने बाद ही सड़क जगह-जगह गड्ढे में तब्दील हो गई। इसकी देखरेख 10 लाख की राशि से बीच-बीच में संवेदक को करना है, लेकिन सड़क निर्माण ही रखरखाव की अवधि में हुआ तो रखरखाव कैसे होता। फिर भी रखरखाव की पूरी अवधि अभी समाप्त नहीं हुई है। मालूम हो कि तीन किमी लंबी सड़क की प्राक्कलन राशि करीब 3 करोड़ के लगभग है।


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