Move to Jagran APP

गोशाला प्रबंधन की अनुमति के बाद ही औरंगाबाद से आई थीं गायें

मुजफ्फरपुर। गोशाला प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष सह एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार ने मुजफ्फरपुर गोशाला में संस

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 09:06 AM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 09:06 AM (IST)
गोशाला प्रबंधन की अनुमति के बाद ही औरंगाबाद से आई थीं गायें
गोशाला प्रबंधन की अनुमति के बाद ही औरंगाबाद से आई थीं गायें

मुजफ्फरपुर। गोशाला प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष सह एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार ने मुजफ्फरपुर गोशाला में संसाधनों के अभाव की बात को पूरी तरह इन्कार किया है। कहा है कि गोशाला में किसी चीज की कमी नहीं। चारा, पानी, दवा आदि की पूरी व्यवस्था है। शेड का निर्माण कराया जा रहा है। औरंगाबाद से मुक्त कराकर लाए गए पशुधन के खाने-पीने एवं चिकित्सीय सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। वे मंगलवार को गोशाला परिसर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। कहा कि कुछ लोग गलत सूचना फैला कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। गौशाला प्रबंधन द्वारा समुचित देखभाल की वजह से ही कई पशुधन स्वस्थ हो चुके हैं। हर दिन सुबह-शाम पशु चिकित्सक द्वारा जांच की जा रही है। गायों की सेवा-सुश्रुषा में गोशाला प्रबंधन मुश्तैदी से जुटा है।

loksabha election banner

दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी

एसडीओ ने बताया कि मुजफ्फरपुर गोशाला प्रबंधन से यहां रखने की स्वीकृति मिलने के बाद ही औरंगाबाद में तस्करों से मुक्त पशुधन को यहां भेजा गया। ध्यान फाउंडेशन ने पशुओं को मुक्त कराने के बाद औरंगाबाद के मदनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जब कोर्ट ने फाउंडेशन से इतने पशुधन को रखने की व्यवस्था के बारे में पूछा तो संस्था के केपी कौशिक ने यहां के गोशाला प्रबंधन से संपर्क किया। यहां रखने की स्वीकृति मिलने के बाद फाउंडेशन ने कोर्ट में शपथपत्र दायर किया। उसके बाद पशुधन को यहां लाया गया। लाने के दौरान 27 पशु बुरी तरह से जख्मी हो गए। समुचित उपचार के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। प्रेस वार्ता में गोशाला प्रबंधन कमेटी सचिव कृष्ण मुरारी भरतिया, संयुक्त सचिव गरीब नाथ बंका व मीडिया प्रभारी सज्जन शर्मा भी मौजूद रहे।

तस्करों से मुक्त कराकर आए थे 748 पशुधन

कमेटी सचिव ने बताया कि औरंगाबाद से तस्करों से मुक्त करा कर 748 पशुधन को लाया गया था। जिनमें 351 गायें, 93 बैल, 11 सांड, 200 बाछा व 65 बछड़े शामिल थे। उनमें 12 गायें, तीन बैल व 12 बछड़े की मौत हो गई। बचे पशुधन में से तीन गाय, 66 बैल, सात सांड व 74 बछड़े को मोतिहारी के चेल्हा गोशाला भेजा गया। मुजफ्फरपुर गोशाला में 266 गाएं, 10 बैल, एक सांड, 22 बाछा व 57 बछड़े हैं। मुशहरी गोशाला में 82 गाएं, 17 बैल, तीन सांढ़, 104 बाछा व आठ बछड़े हैं।

मंत्री व डीएम समेत अन्य का सहयोग

पशुधन को बचाने के लिए लोग खुलकर सामने आ रहे हैं। कई लोगों ने आर्थिक मदद भी दी है। नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा, जिलाधिकारी मो. सोहैल व एसडीओ पूर्वी कुंदन कुमार समेत दर्जनों लोगों ने गौशाला को आर्थिक सहयोग दिया है। अध्यक्ष ने कहा कि समाज के हर वर्ग के लोग मदद के लिए सामने आ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.