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पूर्वी चंपारण में नेपाल से सीमावर्ती ग्रामीण रास्ते हो रही है प्याज, कालीमिर्च, मटर की तस्करी

तस्करों का सिंडिकेटरो के लिए सुरक्षा व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं है। जिससे प्याज की व्यापक तस्करी हो रही है। जब शहर के लोग सोते है तो तस्कर समूह जगता है। इसे इतर कोरोना संक्रमण को लेकर बॉर्डर सील है। इस बीच प्याज की व्यापक तस्करी हो रही है।

By DharmendraEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 05:43 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 05:43 PM (IST)
पूर्वी चंपारण में नेपाल से सीमावर्ती ग्रामीण रास्ते हो रही है प्याज, कालीमिर्च, मटर की तस्करी
रक्सौल में तस्करी का प्याज नेपाल ले जाते कारोबारी। जागरण

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। प्याज के निर्यात तो बंद है। तस्करी जोरो से चल रहा है। जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में प्याज की किल्लत है। इसके अलावा प्याज का मूल्य आसमान छू रहा है। भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सख्त बताया जाता है। तस्करों का सिंडिकेटरो के लिए सुरक्षा व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं है। जिससे प्याज की व्यापक तस्करी हो रही है। जब शहर के लोग सोते है तो तस्कर समूह जगता है। इसे इतर कोरोना संक्रमण को लेकर बॉर्डर सील है। इस बीच प्याज की व्यापक तस्करी हो रही हैं। प्याज के तस्करी से रक्सौल में प्याज की कीमत लोगों को रुला रही है। स्थानीय सब्जी विक्रेताओं ने नाम नहीं छापने के शर्त बताया कि थोक विक्रेताओं के मनमानी है।

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नेपाल के सब्जी विक्रेता मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, बेतिया आदि क्षेत्र से छोटे वाहनों से यानी मिनी ट्रकों से प्याज लाते है। जिससें साइकिल और हेड लोडर मजदूरों से नेपाल भेजते है। जिससे स्थानीय खुदरा सब्जी व्यापारियों प्याज नहीं मिल रहा है। रक्सौल में 50 से 60 रुपये किलोग्राम है। जबकि नेपाल में 90 से सौ रुपया किलो है। जिसके कारण रक्सौल नागा रोड़ के रास्तें आश्रम रोड, इस्लामुपर गांधी नगर और अहिरवां टोला के रास्तें नेपाल कस्टम तक पहुंच रहा है। उक्त स्थल से ट्रक से नेपाल के राजधानी काठमांडू तक पहुंच रहा है। यहां बता दें कि भारत सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमत को देखते हुए। एक माह पूर्व निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद प्याज कारोबारी साइकिल घोड़ागाड़ी( तांगा) से ग्रामीण रास्तों से तस्करी कर रहे हैं। इसके अलावे नेपाल से चीन उत्पादित मटर औऱ काली मिर्च की तस्करी हो रही हैं।

नेपाल के पर्सा जिला वीरगंज से रक्सौल स्थित पिलर संख्या 393 के समीप पनटोका और भकुवाब्रह्म स्थान के रास्ते देर संध्या करीब 10 बजे से 2 बजे रात्रि तक साइकिल से तुमड़िया टोला के रास्तें रेलवे माल गोदाम होते हुए परेउवा के रास्ते तस्करों के गुप्त गोदामों तक नेपाल से आने वाला मटर और कालीमिर्च पहुंच रहा है। सवाल ये उठता है बार्डर सील है सख्त सुरक्षव्यवस्था है। इस बीच भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी कैसे हो रही है। जबकि आम नागरिक अपने सगे संबंधी से मिलने नहीं जा पा रहे है। इधर नेपाल से चीन उत्पादित मटर की तस्करी भारी पैमाने पर हो रही है। बताया जाता हैं कि मटर की तस्करी भारत और नेपाल के बड़े कारोबारी जुड़े है


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