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Muzaffarpur Junction: एक मां की गोद सूनी, दो बच्चों के सिर से छिन गया ममता का आंचल

One child and a woman died at Muzaffarpur junction मुजफ्फरपुर जंक्शन पर पश्चिमी चंपारण के बच्चे की मौत। परिजनों ने प्लेटफॉर्म पर किया हंगामा मुआवजे को लेकर जताते रहे आक्रोश।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 11:18 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 11:18 PM (IST)
Muzaffarpur Junction: एक मां की गोद सूनी, दो बच्चों के सिर से छिन गया ममता का आंचल
Muzaffarpur Junction: एक मां की गोद सूनी, दो बच्चों के सिर से छिन गया ममता का आंचल

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अन्य प्रदेशों  से प्रवासियों की वापसी के बीच मुजफ्फरपुर जंक्शन पर सोमवार को दिल्ली से लौटे पश्चिमी चंपारण जिले के एक बच्चे और कटिहार की महिला की मौत हो गई। इस दौरान एक मां की गोद सुनी हो गई तो दूसरी घटना में दो बच्चों के सिर से ममता का आंचल छिन गया। मृतकों में पश्चिमी चंपारण जिले के लौरिया थाने के लंगड़ी निवासी मो. पिंटू का पुत्र मो. इरशाद (4 वर्ष 6 माह) और कटिहार जिले आजमनगर थाना के आजमनगर निवासी स्व. इस्लाम की पत्नी अरबीना खातून (31 वर्ष) शामिल हैं। इरशाद की मौत प्लेटफॉर्म संख्या एक पर हुई। जबकि, अरबीना की मौत ट्रेन में सफर के दौरान मुजफ्फरपुर पहुंचने से कुछ समय पूर्व हो गई। रेल पुलिस ने प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर उसका शव उतारा। इरशाद की मौत से नाराज स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। स्वजन बच्चे की मौत के लिए बदहाल व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराते हुए घर वापसी के लिए वाहन की मांग कर रहे थे। 

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मुआवजे की मांग को लेकर अड़ गए परिजन

मौके पर तैनात रेलवे के अधिकारी और डीटीओ रजनीश लाल स्वजनों को शांत करने की कोशिश की। डीटीओ की पहल पर प्लेटफॉर्म पर एंबुलेस लाया गया। लेकिन, इसके बाद स्वजन मुआवजे की मांग को लेकर अड़ गए। सूचना मिलते ही एडीएम राजेश कुमार और एडीएम आपदा अतुल कुमार वर्मा ने मौके पर पहुंच स्वजनों से बात कर मुआवजे का आश्वासन दिया। लेकिन, स्वजन बतौर मुआवजा नकदी की मांग पर अड़े रहे। बाद में रेल पुलिस ने बयान दर्ज कर स्वजनों को उनके जिले के लिए रवाना किया। 

ईद की खुशी पर पसरा मातम

मो. पिंटू ने बताया कि वह अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ दिल्ली के रमा बिहार में पेंट कंपनी में काम करते थे। लॉकडाउन के चलते फंस गए थे। उन्होंने दिल्ली में अपना सारा सामान बेच मकान खाली कर दिया। चार बच्चे समेत 12 लोग दिल्ली से सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेन से साढ़े दस बजे सुबह मुजफ्फरपुर जंक्शन पर उतरे। इसके बाद उन्हें न तो बस मिली और नही ट्रेन। बच्चे के लिए दूध की तलाश करते रहे किसी ने भी नहीं सुनी। बेटे की मौत के बाद मां जेबा खातून बदहवास दिखी। वह बार-बार बेहोश हो रही थी। जबकि, जेबा की बहन सोनी खातून अपने तीन माह के बच्चे को गर्मी से बचाने का प्रयास कर रही थी। जेबा के बहनोई आरिफ ने कहा कि हम ईद की खुशियां बांटने घर जा रहे थे। खुशियों पर मातम पसर गईं हैं। 

दो बच्चे हुए अनाथ

दूसरी ओर अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर के लिए चली विशेष श्रमिक ट्रेन में कटिहार जिले आजमनगर थाना के आजमनगर निवासी अरबीना खातून की मौत के बाद तीन वर्षीया रहमत और चार वर्षीय अरमान अनाथ हो गए हैं। अरबीना के पति इस्लाम की पहले ही मौत हो चुकी है। अरबीना अपनी बहन कोहिनूर खातून व बहनोई वजैर आलम के साथ अहमदाबाद की स्टील फैक्ट्री में मजदूरी करती थी।  प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर अरबीना के शव के पास अपने एक और अरबीना के दो बच्चों के साथ कोहिनूर खातून विलाप करती नजर आई। बताया कि वह मानसिक रूप से भी बीमार चल रही थी।

जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह ने बताया कि कटिहार की महिला तीन दिनों से बीमार चल रही थी। ट्रेन में ही उसकी मौत हो गई।  पश्चिमी चंपारण के बच्चे की मौत भी बीमारी से हो गई। प्रशासन द्वारा बच्चे के शव और स्वजनों को एंबुलेंस के जरिये उनके घर भेज दिया गया है।


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