बिहार विवि के अधिकारियों की मनमानी न जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर न बना ग्रीवांस सेल
लॉकडाउन की अवधि में छात्र-छात्राओं की ओर से शिकायत मिलने के बाद यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालय को हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्देश दिया गया था। इस नंबर को विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर जारी करना था। Bihar University
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में यूजीसी व राजभवन के निर्देशों की अनदेखी की जा रही है। आदेश जारी करने और कई बार रिमाइंडर देने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए न हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया और न विश्वविद्यालय में ग्रीवांस सेल बना। लॉकडाउन की अवधि में छात्र-छात्राओं की ओर से शिकायत मिलने के बाद यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालय को हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्देश दिया गया था।
इस नंबर को विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर जारी करना था ताकि विश्वविद्यालय से जुड़ी किसी भी परेशानी के संबंध में छात्र-छात्राएं पूछताछ कर सकें। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हनुमान प्रसाद पांडेय ने योगदान देने के बाद ग्रवांस सेल की स्थापना करने का निर्देश दिया था। इसके लिए अधिकारियों को 3 दिन में रिपोर्ट देना था, लेकिन आदेश के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई।
जानकारी के अभाव में भटकते रहते छात्र
विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र 5 जिलों में फैला हुआ है। यहां प्रतिदिन हजारों छात्र अंकपत्र प्रमाणपत्र में गड़बड़ी समेत अन्य परेशानियों के समाधान के लिए पहुंचते हैं। लेकिन विश्वविद्यालय में पूछताछ के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग का चक्कर काटता करना होता है पुलिस स्टाफ। छात्र छात्राओं की ओर से कई बार पूछताछ काउंटर शुरू करने की मांग की गई है। छात्रों इससे निजात दिलाने के लिए अफसरों को ध्यान देने की जरूरत है। इस समस्या निजात दिलाने के लिए छात्र नेता भी काफी प्रयासरत रहे हैं।
छात्र संगठनों ने भी कई बार आवाज बुलंद की है लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हो रहा है। इस संबंध में कुलपति प्रोफेसर हनुमान प्रसाद पांडेय ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है। साथ ही विद्यार्थियों की समस्या से जुड़े आवेदन लेने के लिए विश्वविद्यालय में दो सिंगल विंडो काउंटर शुरू किए गए हैं।