Westchamparan News: अधिकारी, जन प्रतिनिधि हजारों की आबादी की इस समस्या को देखते, मुंह फेर लेते
बेतिया के मझौलिया चीनी मिल रोड पर जलजमाव की समस्या नासूर बनती जा रही है। कम खर्चे और थोड़े प्रयास से ही दर्जनों गांवों के लोगों की समस्या सुलझ सकती है लेकिन इसके प्रयास नहीं हुआ।
पश्चिम चंपारण [मो. मुस्लिम]। जिस रास्ते से प्रतिदिन हजारों लोग गुजरते हैं, वह पिछले ढाई माह से लोगों की परेशानी का सबब बनी हुई है। जिले के मझौलिया स्थित चीनी मिल रोड पर तकरीबन 100 फीट की दूरी में जलजमाव है। इस कारण सड़क तालाब में तब्दील हो गई है। जलजमाव के कारण सड़क में गड्ढे की गहराई का पता नही चल पाता। नतीजा आए दिन यहां बाइक सवार गिर कर चोटिल होते है। दुर्घटना के कारण कई लोग अस्पताल तक पहुंच चुके हैं।
जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे
ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या से निजात के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। मिल प्रबंधन के पास केन शेष की राशि होती है, उस राशि का उपयोग विकास कार्य में होता है। अगर मिल प्रबंधन चाहे तो जलजमाव से निजात मिल सकती है।
दो फीट गहरे पानी होकर गुजरने की मजबूरी
प्रखंड की दक्षिणी, पूर्वी और उत्तरी दिशा से मझौलिया आने वाले लोगों को इस सड़क से गुजरना होता है। प्रखंड मुख्यालय, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बैंक, मवेशी अस्पताल, मनरेगा कार्यालय, मझौलिया बाजार जाने के लिए करीब दो फीट गहरा पानी लोगों को पार करना पड़ रहा है।
महिलाओं, छात्र- छात्राओं के लिए खासी परेशानी
सड़क पर पानी लगने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और छात्राओं को हो रही है। सड़क के पूर्वी भाग में विद्यालय होने के कारण पश्चिम क्षेत्र से आने वाले छात्र- छात्राओं को भी जूते उतारकर पानी पार करना पड़ता है।
पानी निकासी का रास्ता नहीं
करीब ढाई माह से जमा इस पानी की निकासी का कोई रास्ता नहीं है। लगातार कुछ दिनों तक धूप होने पर पानी थोड़ा कम होता है। लेकिन जैसे ही बारिश होती है सड़क फिर से तालाब बन जाती है।
प्रतिदिन हजारों लोग गुजरते हैं इस रास्ते से
गुरचूरवा, भानाचक, बैठनिया, श्यामपुर, बखरिया, परसा बहुआरवा, हरपुर बरवा, गढवा, जोकटिया, माधोपुर, सेनवरिया पंचायतों के दर्जनों गांव के हजारों लोग प्रतिदिन इस रास्ते से गुजरते हैं। उन्हें जलजमाव का सामना करना पड़ता है।
मामूली खर्च से मिल सकती है निजात
मामूली खर्च से इस बड़ी समस्या से निजात पाई जा सकती है। सड़क के दोनों तरफ नाली का निर्माण किया गया है। सतभिडवा के अमित पांडेय ने कहा कि अगर नाली की दीवाल में पाइप डाल दी जाए तो 90 फीसद पानी निकाला जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी भी इस रास्ते से गुजरते हैं। सब कुछ देखने के बावजूद इस तरफ प्रशासन का ध्यान नहीं है। जिससे लोगों में नाराजगी है।
चीनी मिल के सहयोग से हल का प्रयास
मझौलिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी बैजू कुमार मिश्र का कहना है कि इस संबंध में चीनी मिल के अधिकारियों से बात हुई है। उनके सहयोग से जलजमाव से निजात का प्रयास किया जाएगा।