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मुजफ्फरपुर के मोतीझील में मास्क जांच अभियान में पदाधिकारी को बंधक बनाया

दुकानदारों का कहना था कि 50 रुपये का चालान काटना है। मनमानी करते हुए एक हजार का चालान दिया गया। जब पूछा गया तो पदाधिकारी दुकानदारों से अभद्र तरीके से पेश आने लगे। इसी को लेकर दुकानदारों ने हंगामा शुरू कर दिया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 11:39 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 11:39 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के मोतीझील में मास्क जांच अभियान में पदाधिकारी को बंधक बनाया
नगर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कराया मुक्त, दुकानदारों को दी गई हिदायत। Photo- Jagran

मुजफ्फरपुर, जासं। शहर के मोतीझील में रविवार को कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराने व चालान काटने गए पदाधिकारियों के साथ दुकानदार उलझ गए। पदाधिकारी पर मनमानी का आरोप लगाते हुए दुकानदार एकजुट होकर होकर हंगामा करने लगे। जांच अभियान के पदाधिकारी व उनकी टीम को बंधक बना लिया। सूचना मिलने के बाद नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों को समझाकर शांत कराया। पदाधिकारी व कर्मियों को मुक्त कराया। दुकानदारों को कानून हाथ में नहीं लेने की हिदायत दी गई। बताया गया कि मास्क जांच टीम उक्त जगह पर पाया कि कई दुकानदार बगैर मास्क के दुकानदारी कर रहे हैं। 

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ग्राहकों की भीड़ है, मगर शारीरिक दूरी का कोई पालन नहीं किया जा रहा। दुकानदारों का कहना है कि जांच टीम ने एक हजार रुपये का चालान काटकर थमा दिया। इस पर दुकानदार भड़क उठे। इसके बाद दुकानदार और पदाधिकारियों में विवाद शुरू हो गया। दुकानदारों का कहना था कि 50 रुपये का चालान काटना है। मनमानी करते हुए एक हजार का चालान दिया गया। जब पूछा गया तो पदाधिकारी दुकानदारों से अभद्र तरीके से पेश आने लगे। इसी को लेकर दुकानदारों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि उनलोगों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया है। इसका वीडियो भी है। इधर मास्क जांच अभियान का नेतृत्व कर रहे अपर नगर आयुक्त ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें दुकानदार समेत चार को आरोपित किया गया है। नगर थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व दुकानदारों द्वारा अभद्र तरीके से पेश आने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया गया है। कानून हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।  

आरटीपीसीआर में निगेटिव या पाजिटिव, समय पर नहीं आ रहा मैसेज

मुजफ्फरपुर : संदिग्ध कोरोना मरीजों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट समय पर नहीं आ रही है। रिपोर्ट के इंतजार मेें कई लोग बाजार में भ्रमण के लिए निकल रहे हैं। रेलवे जंक्शन पर पहुंचे नया टोला के एक आदमी ने शिकायत किया है कि उसको दो दिन के बाद जांच का मैसेज नहीं आया है। इस संबंध में कोरोना जांच के पर्यवेक्षक मनोज कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशन, सरकारी व निजी बस पड़ाव पर आरटीपीसीआर जांच कराये जा रहे हैं। हर दिन 2500-3000 सैंपल एसकेएमसीएच स्थित लैब में भेजे जा रहे हैं। जांच के बाद रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। पोर्टल पर अपलोड करने के बाद संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज जाता है। अगर किसी को मैसेज नहीं जा रहा है इस अर्थ यह कि उसकी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं है। ऐसे लोग कंट्रोल रूम से शिकायत कर सकते हैं। उसका निदान होगा। वैसे हर दिन कोशिश हो रही कि जितनी जांच रिपोर्ट आए उसको अपलोड कर दिया जाए।


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