मुजफ्फरपुर को नेपाल से जड़ने में मझौली-चोरौत एनएच के भूमि अधिग्रहण में बन रही बाधा
बोचहां के बहलोलपुर में बिहार सरकार की जमीन पर ही बसे हैं करीब एक दर्जन लोग उनसर मौजे में कई भू-धारियों की बंदोबस्ती के कागजात शक के घेरे में हो रही जांच कई भू-धारियों के पास जमीन के सही दस्तावेज नहीं हैं। इस कारण वे मुआवजा भी नहीं ले रहे।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले को नेपाल से जोडऩे वाले एनएच 527-सी (मझौली-चोरौत) के निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इसमें कई धार्मिक स्थल एवं स्कूल की जमीन को लेकर पहले से बाधा थी। अब इसमें गलत दावेदारी की भी बाधा सामने आ रही है। कई भू-धारियों के पास जमीन के सही दस्तावेज नहीं हैं। इस कारण वे मुआवजा भी नहीं ले रहे। इसके लिए शिविर भी लगाए गए, मगर वे यहां भी मुआवजा लेने नहीं पहुंचे। कई दस्तावेज की जांच भी की जा रही है। साथ ही ऐसे भू-धारियों को नोटिस भेजा जा रहा है।
तीन प्रखंडों के 22 गांवों की जमीन का अधिग्रहण
मालूम हो कि करीब 63 किमी लंबे इस एनएच के लिए जिले के तीन प्रखंडों बोचहां, गायघाट और कटरा के 22 गांवों की सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसमें बोचहां के बहलोलपुर में दर्जनभर ऐसे भू-धारी हैं जो बिहार सरकार की जमीन पर बसे हैं। ऐसी स्थिति में दावा के बावजूद उन्हें मुआवजा मिलना मुश्किल है। उनसर में भी बंदोबस्त की गई जमीन को लेकर मुआवजा का पेच फंसा हुआ है। कुछ बंदोबस्त के दस्तावेज गलत होने की आशंका पर उसकी जांच हो रही है। साथ ही उसका भुगतान भी रोक दिया गया है। जिला भू-अर्जन कार्यालय ने बंदोबस्त के सभी दस्तावेज की जांच कर एसडीओ पूर्वी से रिपोर्ट मांगी है।
शिविर में मुआवजा लेने नहीं आ रहे ऐसे भू-धारी
मुआवजा का वितरण तेजी से हो इसके लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय शिविर लगा रहा। इसके बावजूद सैकड़ों भू-धारी मुआवजा नहीं ले रहे हैं। इसके पीछे यह भी कारण है कि मुआवजा के लिए जमीन के सभी दस्तावेज की मांग की गई है। सही दस्तावेज नहीं होने से वे शिविर में आने से कतरा रहे हैं। अब सभी को नोटिस भेजा जा रहा है। मुआवजा नहीं लेने पर राशि प्राधिकार में जमाकर काम शुरू कर दिया जाएगा।
-जिनके दस्तावेज सही हैं उन्हें शिविर लगाकर मुआवजा दिया जा रहा है। किसी विवाद के कारण मुआवजा नहीं लेने वालों की राशि कोर्ट में जमा किया जा रहा, ताकि निर्माण कार्य समय से हो सके। भू-धारी दस्तावेज दुरुस्त कर शिविर में मुआवजा ले सकते हैं। -मो. उमैर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी