मुजफ्फरपुर में कम हो जाएगी पंचायतों की संख्या, जानिए इसकी वजह
सात नई नगर पंचायत के गठन से होगा परिवर्तन चुनाव में कम समय रहने से बढ़ी मुश्किल। जिले में 385 पंचायतें हैं। नई नगर पंचायतों के गठन से छह पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इसमें माणिकपुर माधोपुर ढुल्लम बरूराज पूर्वी बरूराज पश्चिमी तुर्की व माधोपुर सुस्ता शामिल हैं।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में सात नई नगर पंचायतों के गठन का असर इस वर्ष हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर भी पड़ेगा। कारण, पंचायतों की संख्या घटने से कई पदों पर चुनाव नहीं हो सकेंगे। मुखिया के अलावा वार्ड पार्षद, पंचायत समिति के पद पर भी चुनाव नहीं होंगे। वहीं जिला पार्षदों की संख्या भी कम हो जाएगी। इसके अलावा ग्राम कचहरी के लिए सरपंच व पंच के पद भी कम हो जाएंगे।
मालूम हो कि जिले में 385 पंचायतें हैं। नई नगर पंचायतों के गठन से छह पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इसमें माणिकपुर, माधोपुर ढुल्लम, बरूराज पूर्वी, बरूराज पश्चिमी, तुर्की व माधोपुर सुस्ता शामिल है। इससे कम से कम इतनी संख्या में पंचायतें कम होने की संभावना है। इसके अलावा 22 पंचायतों का भूगोल परिवर्तित हो गया है। यहां की आबादी कम हो गई है। साथ ही क्षेत्रफल भी। अगर इन पंचायतों को दूसरी में जोड़कर उसका पुनर्गठन किया जाता है ताे यहां भी संख्या में कमी होनी तय है। क्योंकि कई पंचायतों के अधिकांश भाग नगर पंचायत में शामिल कर लिए गए हैं। कुछ ऐसी भी पंचायतें हैं जिसका नाम भी परिवर्तित किया जा सकता है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मूल गांव वाली पंचायत नगर निकाय का हिस्सा हो गई है।
इस बारे में जिला पंचायती राज पदाधिकारी कहते हैं कि अभी विभाग से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। निर्देश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। मगर, यहां सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पंचायत चुनाव के लिए कुछ माह ही शेष रह गए हैं। इसमें मतदाता सूची के विखंडीकरण का कार्य भी पूरा किया जाना है। जब तक पंचायतों का पुनर्गठन नहीं होगा कई जगहों की मतदाता सूची का विखंडीकरण होना मुश्किल है। ऐसी हालत में किस तरह के बदलाव होंगे, इसके बाद में विभाग की ओर से मिले निर्देश के आलोक में चीजों को तय किया जाएगा।