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पूर्वी चंपारण में मिले 160 नए संक्रमित, एक्टिव केस की संख्या बढ़कर हुई 584

पूर्वी चंपारण में कोरोना से बचाव को कंटेनमेंट जोन की संख्या हुई 160 जिले में वैक्सीन की उपलब्धता हुई कम 38 सेशन साइट पर हुआ वैक्सीनेशन जिलाधिकारी ने आरटी-पीसीआर जांच केंद्र की तैयारियों का लिया जायजा कोरोना विस्फोट के बाद भी शहर में नहीं हो रहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 12:40 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 12:40 PM (IST)
पूर्वी चंपारण में मिले 160 नए संक्रमित, एक्टिव केस की संख्या बढ़कर हुई 584
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का पालन जरूरी है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पूर्वी चंपारण, जासं। जिले में कोरोना संक्रमण ने विस्फोटक रूप धारण कर लिया है। गुरुवार को हुई जांच में पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए। कुल 160 नए पॉजिटिव केस मिले हैं। इसी के साथ एक्टिव केस की संख्या भी बढ़कर 584 हो गई है। हालांकि गुरुवार को कोरोना जांच अपेक्षाकृत कम संख्या में हुई। जांच के लिए कुल 4156 सैंपल लिए गए। जबकि अन्य दिनों इसकी संख्या पांच हजार के आसपास रही है। बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में संक्रमितों का मिलना स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। इधर, सदर अस्पताल परिसर स्थित कोविड केयर सेंटर में भी मरीजों को संख्या बढ़ती जा रही है।

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गुरुवार को यहां पर भर्ती मरीजों की संख्या 37 प्रतिवेदित हुई है। जबकि 538 को होम क्वारंटाइन किया गया है। वहीं, अब तक नौ मरीजों को हायर सेंटर पर रेफर भी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि जांच की संख्या बढ़ाई जाए। इस दिशा में प्रयास भी किए जा रहे हैं। बहुत जल्द इस जिले के आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसकी लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने आरटी-पीसीआर सेंटर की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने वहां की व्यवस्था की विस्तार से जानकारी ली। उनके साथ सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश्वर प्रसाद ङ्क्षसह एवं सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. आरके वर्मा भी मौजूद थे। इधर, संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ माइक्रो कंटेनमेंट जोन की संख्या भी अब बढ़कर 146 हो गई है। इनमें शहरी क्षेत्र में 63 तथा ग्रामीण इलाके में कुल 83 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।

17 रेलयात्री मिले संक्रमित

कोरोना जांच के लिए रेलवे स्टेशन पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय है। गुरुवार को बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर 193 रेलयात्रियों की जांच की गई। इनमें 12 यात्री संक्रमित पाए गए। वहीं, चकिया में 17 की जांच हुई, जिनमें दो यात्री पॉजिटिव मिले। जबकि सुगौली में 86 यात्रियों की जांच में तीन संक्रमित पाए गए। इनके अतिरिक्त रक्सौल में 20 तथा मेहसी में 11 यात्रियों की जांच हुई।

38 केंद्रों पर हुआ टीकाकरण

वैक्सीन की कमी के कारण गुरुवार को सेशन साइट की संख्या कम रही। कुल 38 केंद्रों पर वैक्सीनेशन हुआ। कुल 10100 लक्ष्य के विरूद्ध 3155 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया। इनमें 2722 फस्र्ट तथा 393 सेकेंड डोज शामिल हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

संक्रमितों की प्रखंडवार स्थिति

मोतिहारी 49, सुगौली 10, चकिया 09, केसरिया 09, तुरकौलिया 09, कल्याणपुर 08, रक्सौल 08, अरेराज 07, पकड़ीदयाल 07, कोटवा 06, संग्रामपुर 06, मेहसी 05, हरसिद्धि 04, मधुबन 03, तेतरिया 03, छौडा़दानों 03, घोड़ासहन 03, पहाड़पुर 02, चिरैया 02, ढाका 02, बनकटवा 01, पताही 01, रामगढ़वा 01, पीपराकोठी 01, बंजरिया 01

कोरोना विस्फोट के बाद भी हो रही लापरवाही

 जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक दौर से गुजर रही है। बावजूद इसके लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बाजार में भीड़ बेपरवाह-सी दिख रही है। न मास्क और न ही शारीरिक दूरी। यह स्थिति ङ्क्षचताजनक है। अगर इसी तरह लापरवाही होती रही तो स्थिति बद से बदतर हो सकती है। यह स्थिति पूरे जिले की है। जिला मुख्यालय मोतिहारी में भी कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ रही हैं। बाजार में इस तरह भीड़ उमड़ रही है, जैसे कहीं कोई असामान्य बात ही नहीं है। इन सबके बीच प्रशासनिक उदानसीनता भी स्थिति को विकट बनाने में सहायक है। कहीं कोई अंकुश नहीं है। बाजार की दुकानों को संध्या सात बजे तक बंद करने का फरमान तो जारी कर दिया गया है। दुकाने बंद भी हो रही हैं। मगर सब्जी मंडियों में भीड़ रात के नौ-दस बजे तक देखी जा सकती है। इस पर अंकुश लगाना आवश्यक है।

संक्रमण की रोकथाम में आगे आए आइएमए : डीएम

 जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने गुरुवार को सदर अस्पताल परिसर में आइएमए के चिकित्सकों के साथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर बैठक की। डीएम ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए आइएमए को भी आगे आना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आइएमए के स्तर पर भी डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर होना चाहिए। बैठक में निजी अस्पतालों में बेड की क्षमता, मैन पावर (एचआर), ऑक्सीजन की व्यवस्था आदि के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। यह भी तय हुआ कि प्रत्येक सप्ताह वर्चुअल बैठक होगी जिसमें लाइन ऑफ ट्रीटमेंट पर समीक्षात्मक चर्चा होगी। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश्वर प्रसाद ङ्क्षसह, संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार राय, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. आरके वर्मा, यूनिसेफ के डॉ. धर्मेंद्र कुमार, केयर के अभय भगत, डब्ल्यूएचओ के डॉ. काजमी, आइएमए के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष शरण, पूर्व अध्यक्ष सुशील कुमार सिन्हा समेत अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। 


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