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अब पहनिए मधुबनी में बने झुमके, मिथिला पेटिंग वाले झुमके की भारी डिमांड, जानिए कीमत

मधुबनी पेंटिंग के लिए मशहूर मधुबनी जिले की महिलाएं अब झुमका बना रही हैं। इस पर मधुबनी पेंटिंग कर रही हैं। 70 से 150 रुपये मूल्य वाले मिथिला पेटिंग वाले झुमका की भारी डिमांड। लखनऊ से मंगाई जा रही झुमका मटेरियल।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 05:43 PM (IST)
अब पहनिए मधुबनी में बने झुमके, मिथिला पेटिंग वाले झुमके की भारी डिमांड, जानिए कीमत
झुमका बना रहीं मधुबनी जिले की महिलाएं।

मधुबनी [कपिलेश्वर साह]। मधुबनी पेंटिंग के लिए मशहूर मधुबनी जिले की महिलाएं अब झुमका बना रही हैं। इस पर मधुबनी पेंटिंग कर रही हैं। झुमका के साथ-साथ बालिकाओं के हेयर बैंड, अंगूठी, गले का हार, पायल, आभूषण बाक्स जैसी मिथिला पेटिंग वाले श्रृंगार की वस्तुएं महानगरों की महिलाओं की पसंद बन गई है। इन वस्तुओं की मांग देशभर से होने लगी है। मिथिला पेंटिंग्स वाले झुमका बाजार में आते ही छा गए हैं।

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लखनऊ से मंगाया जाता झुमका मटेरियल :

झुमका तैयार करने वाले मटेरियल कटोरा, गजरा मोती, तार सहित अन्य वस्तुएं लखनऊ से मंगाई जाती है। जितवारपुर की 25 महिलाएं झुमका तैयार कर उस पर मिथिला पेंटिंग बनाती हैं। एक झुमका पर करीब 24 रुपये की लागत आती है। जिसपर मिथिला पेंटिंग की जाती है। 35 से 40 रुपये की लागत पर पूरी तरह तैयार झुमका 70 से 150 रुपये मूल्य पर बिक्री जा रही है। दो माह पूर्व पहली दफे 500 जोडी झुमके बनाए गए। इसकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए 5000 झुमका बनाने का कार्य चल रहा है। आने वाले समय में इसकी मांग और बढने की उम्मीद की जा रही है। जितवारपुर के बाद जयनगर की महिलाएं भी मिथिला पेंटिंग वाले झुमका सहित अन्य वस्तुएं बनाने लगी हैं।

मुबंई से आई झुमका की डिमांड :

लखनऊ के अवध चिकनकारी प्रोड्यूसर कंपनी के डायरेक्टर अलका शुक्ला और मुबंई की एक ब्रांडेड कुर्ती कंपनी की संचालिका रुचिका ने बताया कि हस्तशिल्प कला की डिजाइनर श्वेता अग्रवाल द्वारा डिजाइन की गई मिथिला पेटिंग वाले 200 जोड़ी झुमका, 100 पीस हेयर बैंड का आर्डर दिया गया है। वहीं, डिजाइनर श्वेता अग्रवाल ने बताया कि देश-दुनिया में मिथिला पेटिंग वाले नई-नई वस्तुओं की डिमांड है। जितवारपुर की मधुवन मिथिला कला जीविका महिला उत्पादक समूह की महिलाओं द्वारा तैयार झुमका, हेयर बैंड, आफिस फाइल, टी ट्रे सहित अन्य वस्तुओं की भारी मांग है। समूह की महिलाओं द्वारा तैयार की गई वस्तुओं को देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनी के माध्यम से प्रचार-प्रसार व बिक्री की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।

झुमका से प्रति महिला महीने में दस हजार रुपये तक की आमदनी :

जिले के रहिका प्रखंड के जितवारपुर गांव की मधुवन मिथिला कला जीविका महिला उत्पादक समूह की संगीता देवी, श्यामता देवी, इनू देवी, राजेश्वरी देवी, रीना देवी, राजकुमारी देवी, पूनम कुमारी, हेमा कर्ण, ललिता देवी, हिना देवी, नूनू देवी, चुनमुन देवी, नर्मदा देवी, मुंद्रीकला देवी रीता देवी, सुधीरा देवी, सुदीना देवी, सोनी देवी सहित 35 महिलाएं मिथिला पेंटिंग वाले झुमका, हेयर बैंड, अंगूठी, गले का हार, आभूषण बाक्स बनाकर नई पहचान बनाते हुए आत्मनिर्भर की राह खोल ली है। एक महिला रोजाना 25 से 30 झुमके बना ले रही है। इससे दस हजार महीने तक की आमदनी हो जाती है।

झुमका बनाने का लिया प्रशिक्षण :

डिजाइनर श्वेता अग्रवाल ने बताया कि जितवारपुर की 25 महिलाओं को झुमका बनाने का 15 दिन का प्रशिक्षण दिया है। झुमका बनाने के लिए कच्चा माल जैसे मोती, तार सहित अन्य वस्तुएं लखनऊ से आती हैं। इन झुमकों की बिक्री स्थानीय बाजार के अलावा मुंबई, लखनऊ, दिल्ली, जयपुर सहित अन्यक जगहों पर की जा रही है। इसमें लखनऊ की कंपनी सहयोग कर रही है।


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