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पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों से अब समस्तीपुर के हाईस्कूल के छात्र तैयार करेंगे खिलौने के मॉडल

प्रखंड स्तरीय विज्ञान गणित व पर्यावरण प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें सभी स्कूल के बच्चे शामिल होंगे। प्रखंड स्तर पर ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में इसका आयोजन होगा। एक छात्र केवल एक ही विषय पर प्रदर्शनी प्रस्तुत कर सकेंगे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 10:28 AM (IST)
पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों से अब समस्तीपुर के हाईस्कूल के छात्र तैयार करेंगे खिलौने के मॉडल
जनवरी के तीसरे सप्ताह में पहली प्रखंड स्तरीय प्रदर्शनी का होगा आयोजन।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। अब सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले हाई स्कूल के छात्र अपने इनोवेशन से तकनीक आधारित खिलौने के मॉडल तैयार करेंगे। पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए वे मॉडल में सामग्रियों का चयन करेंगे। मानवीय भाषा और तकनीक के इस्तेमाल से दैनिक जीवन की बाधाओं को नियंत्रित करने के लिए बच्चे एप आधारित खिलौने और उसके मॉडल की प्रदर्शनी बनाएंगे।

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इसके लिए प्रखंड स्तरीय विज्ञान, गणित व पर्यावरण प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें सभी स्कूल के बच्चे शामिल होंगे। प्रखंड स्तर पर ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में इसका आयोजन होगा। एक छात्र केवल एक ही विषय पर प्रदर्शनी प्रस्तुत कर सकेंगे। प्रखंड स्तर पर गठित निर्णायक मंडल की टीम हर उप विषय में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए प्रतिभागियों का चयन करेगी। प्रखंड स्तर पर प्रदर्शनी जनवरी के तीसरे सप्ताह में लगेगी। वहीं, जिला स्तर पर फरवरी के पहले सप्ताह में यह कार्यक्रम होगा। इसे लेकर राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने निर्देश दिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय ने बताया कि जिला स्तर पर चयनित सभी उप विषयों के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान की प्रदर्शनी का अधिकतम पांच मिनट का वीडियो और लिखित प्रतिवेदन एससीईआरटी के ईमेल पर भेजेंगे। राज्य स्तर पर ऑनलाइन प्रदर्शनी से पूर्व एक वेबिनार होगा। इसमें जिलों के प्रतिभागी और मार्गदर्शक शिक्षक शामिल होंगे। अंत में 49वीं राज्य स्तरीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी ऑनलाइन आयोजित होगी।

इन विषयों पर होगी प्रतियोगिता

प्रतियोगिता में मुख्य विषय प्रौद्योगिकी और खिलौना रखा गया है। इसके अलावा उप विषय में पर्यावरण अनुकूल सामग्री, स्वास्थ्य और स्वच्छता, सॉफ्टवेयर और एप्स, परिवहन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, गणितीय मॉडलिंग शामिल है। 

स्लम बस्ती के बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगा रहे अर्जुन

मुजफ्फरपुर : सरैयागंज निवासी विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता और नंदा देवी के पुत्र अर्जुन कुमार गुप्ता पिछले 12 वर्षों से स्लम बस्ती के बच्चों के बीच निशुल्क शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। वह 2009 में जब स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे। एलएस कालेज परिसर में उन्होंने बच्चों को कचरे के बीच से उपयोग की वस्तुओं को चुनते देखा। उस दिन कालेज न जाकर बच्चों से बात की। पता चला कि स्लम बस्ती के बच्चे इसी प्रकार दिनभर कचरे से सामग्री चुनते हैं। इसी से उनका पालन-पोषण होता है। यह बात अर्जुन के भीतर बैठक गई। उन्होंने उसी दिन संकल्प लिया कि स्लम बस्ती में बच्चों को पढ़ाई के लिए जागरूक करेंगे।

अर्जुन ने शहर में घूमकर पहले इस प्रकार के तीन क्षेत्रों को चिह्नित किया। इसके बाद चंद्रलोक चौक, चूना गली स्लम बस्ती, कल्याणी बारा, हरिजन बस्ती में बच्चों को पढ़ाई के लिए जागरूक करना शुरू किया। शुरू में तो बच्चे पढ़ाई के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। ऐसे में उनके स्वजनों से बात कर कुछ दिन तक काफी मिन्नत के बाद पढ़ाई के लिए तैयार किया। शुरू में इक्का-दुक्का बच्चे इससे जुड़े थे। उन बच्चों की देखादेखी अन्य भी पढऩे आने लगे। इन 12 वर्षों में करीब 2000 बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दे चुके हैं। वहीं महिलाओं को भी अंगूठा लगाने की जगह हस्ताक्षर करने के लिए साक्षर बना रहे हैं। वह वंदे मातरम सेवा मंच, प्रयत्न, निर्मल अनुपम फाउंडेशन, लक्ष्य फैमिली,बाबा गरीबनाथ युवा मंडल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नेहरू युवा केंद्र जैसे कई संगठनों से जुड़े हैं। कोरोना काल में लगातार समाजसेवा से जुड़े कार्य को लेकर कई राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड से अर्जुन को नवाजा जा चुका है।


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