अब तिरहुत सीमांचल के घान से तैयार चावल विदेशों में बिकेगा, इस तरह हुआ संभव
सोनपुर मंडल के सीनियर डीसीएम चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि रेल रैक प्वाइंट से माल गाड़ी में घान लोड कर आंध्रप्रदेश के समलकोट ले जाया जाता है। वहां चावल तैयार कर भारत के अलावा विदेशों को भेजा जाता है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। तिरहुत सीमांचल के धान से तैयार चावल की खुशबू विदेशों में बिखरेगी। विदेशों में रहने वाले लोगों को तिरहुत सीमांचल इलाके के खेतों में उपजाए गए धन से तैयार चावल खाने को मिलेगी। इस क्षेत्र के नारायणपुर आनंत के माल गोदाम रैक प्वाइंट से धान भरे बोरे को मालगाड़ी से आंध्र प्रदेश ले जाया जाता है। वहां पर सीलिंग और पैकिंग का चावल तैयार कर विदेशों को भेजा जाता है। सूत्रों की मानें तो अमेरिका, इंग्लैंड सहित अन्य जगहों पर भारतीय दुकानों में इस चावल की बिक्री की जाती है। सोनपुर मंडल के सीनियर डीसीएम चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि रेल रैक प्वाइंट से माल गाड़ी में घान लोड कर आंध्रप्रदेश के समलकोट ले जाया जाता है। वहां चावल तैयार कर भारत के अलावा विदेशों को भेजा जाता है उन्होंने कहा कि सोनपुर मंडल के नारायणपुर अनंत से रैंक प्वाइंट से तीन धान वाली मालगाड़ी से आंध्र प्रदेश भेजा जा चुकी है। 20 व 25 नवंबर को 21- 21 वैगन घान आंध्रप्रदेश के समलकोट भेजा गया। 27 वह 29 नवंबर को 20-20 वैगन आंध्र प्रदेश भेजा गया।
धान की ढ़ुलाई से कमाए एक करोड़ 18 लाख
धान की धुलाई कर सोनपुर मंडल ने 5 दिनों के अंदर एक करोड़ ,18 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त किया। सीनियर डीसीएम ने कहा किखगड़िया से समालकोट के लिए 20 बीसीएन में 12770 क्विंटल धान का लदान से रेलवे को 23 लाख 04 हजार 810 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ । खगड़िया से बिक्कावोलु के लिए 20 बीसीएन में 12620 क्विंटल धान का लदान से रेलवे को रुपये 22,77,746 का राजस्व प्राप्त हुआ। खगड़िया से बिक्कावोलु के लिए 20 बीसीएन में 12770 कविंटल धान का लदान से रेलवे को रुपये 23,04,819 का राजस्व प्राप्त हुआ। नारायणपुर अनंत से समालकोट के लिए 1081.22 टन धान का लदान से रेलवे को रुपये 24,76,354का राजस्व प्राप्त हुआ। नारायणपुर अनंत से समालकोट के लिए 1100 टन धान का लदान स रेलवे को रुपये 25,00000 लगभग का राजस्व प्राप्त हुआ।
किसानों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद
रेल के जरिए धान बाहर जाने से किसानों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। हालांकि अभी किसानों को व्यापारी से 1250 1270 से 1300 रुपए तक ही मिल रहा हैं। जबकि व्यापारी को बाहर धान भेजने से ठीक-ठाक मुनाफा हो रहा है। किसानों का कहना है कि व्यापारी के यहां तुरंत धान की कीमत नगद मिल जाती है। फैक्स और व्यापार मंडल से हर साल धान खरीद की प्रक्रिया को काफी समय लगता है।