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बिहार के समस्‍तीपुर में होगी पशुओं की ऑनलाइन खरीद-बिक्री, आधार कार्ड की तर्ज पर बनेंगे यूनिक आइडी

Samastipur News बिहार के समस्‍तीपुर जिले में पशुओं की ईयर टैगिंग जोरों पर पंजीकृत मवेशियों के स्‍वामी को ही मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ। आधार कार्ड की तर्ज पर पशुओं का यूनिक आइडी बनाने के लिए की जा रही टैगिंग।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 10:16 AM (IST)
बिहार के समस्‍तीपुर में होगी पशुओं की ऑनलाइन खरीद-बिक्री, आधार कार्ड की तर्ज पर बनेंगे यूनिक आइडी
अब पशुओं की भी होगी ऑनलाइन खरीद-बिक्री।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। अब आमजनों को पशुओं की खरीद बिक्री के लिए भी ऑनलाइन की सुविधा उपलब्ध होगी। ईयर टैगिग के बाद पशुओं के खरीद बिक्री में भी पारदर्शिता आएगी। पशुपालक जिस पशु को खरीदना चाहते हैं उसके बारे में सारी आधिकारिक जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। निर्धारित मानकों के अनुसार ही खरीद बिक्री कर सकेंगे। ठगी की संभावना नहीं रहेगी। पशु तस्करी पर भी पूरी तरह रोक लगेगा।इसके लिए सरकार ने पशुपालन विभाग के माध्यम से कवायद तेजी से चल रही है। इस योजना के तहत सबसे पहले जिला के सभी पशुओं की ईयर टैगिग की योजना है। पशुपालकों को सभी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए पशुओं की ईयर टैगिग को अनिवार्य कर दिया गया है। यहां सभी पशुओं में ईयर टैगिग नहीं होने से पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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आधार कार्ड की तर्ज पर पशुओं का यूनिक आइडी बनाने के लिए कान में पशुओं को टैगिग किया जा रहा है। इसके तहत जिले में सात  लाख 50 हजार पशुओं का ईयर टैगिग किया जाना है। अभी तक पांच लाख 56 हजार 661 पशुओं की ही टैगिग हो पाई है। सरकार ने इसके लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने के बाद भी लक्ष्य प्राप्त करने में चिकित्साकर्मियों का पसीना छूट रहा है। टैगिग नहीं होने से पशुओं को खुरपका-मुंहपका एवं ब्रुरसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारी से बचाव का टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। ईयर टैग पशुओं के लिए आधार नंबर के समान होगा। इसके साथ ही एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। उस हेल्थ कार्ड में हर एक पशु के नाम से एक 12 अंक का यूनिक नंबर दर्ज रहेगा। इस यूनिक नंबर या टैग नंबर से किसानों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री करने में भी मदद मिलेगी।

पशुपालकों को मिलेगा योजना का लाभ

ईयर टैगिंग के बाद पशुपालकों को सरकार व पशुपालन विभाग द्वारा कई सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। उन्हें ईयर टैग के साथ ही पशुओं का स्वास्थ्य कार्ड भी दिया जाना है। ईयर टैगिंग होने के बाद पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान कार्य की चरणबद्ध प्रगति ऑनलाइन अपडेट करने, उनका नस्ल सुधारने एवं कई बीमारियों का मुफ्त टीकाकरण व इलाज आदि का लाभ सीधे पशुपालकों को मिलेगा। इसके अलावा समय समय पर कृमिनाशक दवाओं तथा उनके दुग्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए भी ईयर टैगिंग महत्वपूर्ण साबित होगा। समय समय पर विभागीय डॉक्टर पशुओं के बारे में जानकारी लेते रहेंगे।

पशु उपचार में होगी सहूलियत

पशुपालन विभाग के मुताबिक पशुओं को किसी तरह की बीमारी से आक्रांत होने पर टीकाकरण व उपचार कराने में पशुपालकों को सहूलियत होगी। वहीं आने वाले दिनों में ईयर टैगिग नहीं कराने वाले पशुपालक कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रहेंगे।

 इस बारे में समस्तीपुर पशुपालन विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। दुधारू पशुओं की पूरी जानकारी कहीं से कोई भी व्यक्ति ले सकें। इसके लिए ईयर टैगिग का काम किया जा रहा है। उन्होंने योजनाओं के लाभ को लेकर सभी पशुपालकों से अपने पशुओं का ईयर टैगिग कराने की बात कही। ईयर टैग के दौरान विभाग द्वारा पशुओं के नश्ल, वर्तमान स्थिति, दूध की क्षमता, उम्र आदि सबकुछ नोट कर उसे ऑनलाइन किया जा रहा है। ईयर टैग पर एक विशेष नंबर रहेगा। उस नंबर से उक्त पशु के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिलती रहेगी। पशुओं का सरकारी बीमा, ऑनलाइन खरीद बिक्री सहित अन्य लाभ भी इसी ईयर टैगिंग के आधार पर होगी।


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