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Samastipur: अब 102 पर कॉल करते ही एंबुलेंस की मिलती रहेगी लाइव लोकेशन, निगरानी को लेकर कर्मियों को मिला टैब

102 Ambulance service Samastipur मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है। हर रोज नये-नये उपकरण लगाए जा रहे हैं। सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है। इसके साथ ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराया जा रहा है।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 10:10 AM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 01:46 PM (IST)
Samastipur: अब 102 पर कॉल करते ही एंबुलेंस की मिलती रहेगी लाइव लोकेशन, निगरानी को लेकर कर्मियों को मिला टैब
समस्तीपुर में एंबुलेंस कर्मियों को टैब देते प्रबंधक।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है। हर रोज नये-नये उपकरण लगाए जा रहे हैं। सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है। इसके साथ ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराया जा रहा है।

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इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने मरीजों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक नया मोबाइल एप लांच किया है। जिसके तहत राष्ट्रीय 102 एंबुलेंस सेवा की निगरानी की जाएगी। जिले में फिलहाल 43 एंबुलेंस संचालित है। प्रथम चरण में 15 एंबुलेंस के ईएमटी को टैब उपलब्ध कराया गया है। शेष को भी तीन दिनों के अंदर टैब उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस एप्लीकेशन से अधिकारी एंबुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग कर सकेंगे। 102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी। लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है। इसके माध्यम से पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम के साथ ही एंबुलेंस के लिए कॉल करने वालों को मिलती रहेगी।

रिस्पांस टाइम होगा कम

एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम कम करने के लिए यह कवायद की गयी है। मरीज को समय से एंबुलेंस मिल सके, इसके लिए भी यह एप तैयार किया गया है। सभी एंबुलेंस को जीपीएस से लैस कर एप से जोड़ा गया है। एप से जब मरीज के तीमारदार को एंबुलेंस की लोकेशन दिखने लगेगी तो वह बार-बार फोन करके एंबुलेंस के बारे में अपडेट नहीं लेगा। इससे जानकारी देने वाला कर्मचारी भी डिस्टर्ब नहीं होगा। साथ ही तीमारदार को भी सुविधा होगी।

एंबुलेंस की मिलती रहेगी लाइव लोकेशन

जैसे ही कोई मरीज या परिजन 102 एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित के पास मैसेज चला जायेगा। इसमें चालक, टेक्नीशियन के मोबाइल नंबर, एंबुलेंस के नंबर लिंक होंगे। इस लिंक को खोलने पर एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी। टेक्नीशियन को भी मरीज के पास पहुंचने पर संबंधित जानकारी एप पर डालनी होगी। साथ ही किस अस्पताल में ले जा रहे हैं, यह भी विवरण दर्ज कराना होगा। एंबुलेंस में पहले से जीपीएस लगा है। मोबाइल एप से निगरानी और बेहतर होने का दावा है।

नई सुविधा से खत्म होगी समस्या

एंबुलेंस अधिकारी राघवेंद्र कुमार ने बताया कि एप के सफल एवं सुगम संचालन के लिए एंबुलेंस चालकों व ईएमटी को प्रशिक्षित किया गया है। एप संचालन के लिए एजेंसी द्वारा टैब उपलब्ध कराया गया है। कई बार एंबुलेंस मरीज तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे मरीज को समय से इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसे में मरीज या तीमारदार को बार-बार फोन करना पड़ता है, लेकिन फोन रिसीव करने वाला व्यक्ति भी उन्हें एंबुलेंस की सही लोकेशन नहीं बता पाता था। अब एप की सुविधा शुरू होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी।


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