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विवि में अब मेल से होगा पत्राचार, पेपरलेस कार्यप्रणाली की कवायद तेज

10 हजार मेल आइडी हो रहे तैयार। बीआरए बिहार विवि की वेबसाइट पर दिखेंगे सभी पत्राचार। प्रशासनिक भवन में एक से दूसरे सेक्शन में घूमती नजर नहीं आएंगी फाइल।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 08:32 AM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 08:32 AM (IST)
विवि में अब मेल से होगा पत्राचार, पेपरलेस कार्यप्रणाली की कवायद तेज
विवि में अब मेल से होगा पत्राचार, पेपरलेस कार्यप्रणाली की कवायद तेज

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विवि के सारे रिकार्ड डिजिटलाइजेशन करने की तैयारी शुरू हो गई है, ताकि कार्यालय की कार्यप्रणाली पेपरलेस हो सके। यूनिवर्सिटी मॉनीटरिंग इंफारमेशन सिस्टम (यूएमआइएस) के तहत बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सिस्टम को डिजिटल किया जा रहा है। विवि की वेबसाइट तैयार हो गई है। ऐसा राजभवन व यूजीसी के निर्देश के आलोक में हो रहा है। प्रत्येक माह विवि का स्टेशनरी खर्च लाखों रुपये का है। प्रशासनिक कार्यप्रणाली में यह महंगा सौदा साबित हो रहा है।

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   यहां तक कार्यालय आदेश लीक हो जाती है। इससे जिन आदेशों का गोपनीय होना अनिवार्य है, वैसा नहीं हो पाता। सभी पदाधिकारियों, प्रशाखा पदाधिकारी, विभागों के अध्यक्ष, सभी प्राचार्य आदि का ई मेल आइडी भी तैयार होगा। विवि का कुल दस हजार मेल आइडी तैयार करने की योजना है। योजना के तहत मेल पर ही कार्यालय आदेश जारी होंगे। बैठकों की कार्यवाही लिखी जाएगी। सभी आवश्यक व प्रशासनिक कार्यों को मेल पर दिया जाएगा।

पत्राचार में बढ़ जाएगी सुविधा, समय की होगी बचत

विवि में मेल के माध्यम से पत्राचार होने से सुविधाएं बढ़ जाएगी। विभागीय स्तर पर जहां पत्राचार करने से समय लगता था उसमें बचत होगी। पेपरलेस सिस्टम विकसित होने से विवि प्रशासन को काफी फायदे होंगे। वहीं, किसी प्रकार के पत्र के नहीं मिलने की भी शिकायत दूर हो जाएगी।


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