एक बाल्टी पानी को लग रही घंटों कतार, नहीं मिल रहा हर घर नल जल योजना का लाभ
स्लम बस्तियों में पानी को लेकर हो रही मारामारी। दर्जनों परिवारों को पानी के लिए बस्ती में लगे एक या दो सार्वजनिक नलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहरवासियों को पेयजल संकट से राहत नहीं पा मिल रही है। गर्मी की तपिश के बीच लोगों को एक बाल्टी पानी के लिए सार्वजनिक नलों पर घंटों कतार लगानी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी शहर की स्लम बस्तियों में रहनेवालों को हो रही है। यहां दर्जनों परिवारों को पानी के लिए बस्ती में लगे एक या दो सार्वजनिक नलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इससे आए दिन पानी भरने को लेकर मारामारी हो रही है। सरकारी जमीन पर बसीं स्लम बस्तियों को हर घर नल जल की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पंखा टोली स्लम बस्ती के लोगों की पानी की जरूरतों को निगम प्रशासन पूरा नहीं कर पा रहा है। एक सप्ताह पूर्व बस्ती के लोगों ने चंद्रलोक रोड जाम कर नाराजगी जताई थी। बावजूद उनकी समस्या का निदान नहीं हुआ। बस्ती की नाजिया परवीन कहती हैं कि पानी के लिए सुबह ही नल पर लाइन लगानी पड़ रही है। काफी मशक्कत के बाद एक बाल्टी पानी मिलता है। कई बार तो पानी भरने के लिए मारपीट तक हो जाती है। वहीं बहलखाना स्लम बस्ती (जहां निगम के सफाईकर्मी रहते हैं) में पानी को एकमात्र सार्वजनिक नल है।
बस्ती में सौ से अधिक परिवार हैं जो पूरी तरह से उसपर निर्भर हैं। सानो देवी कहती हैं कि एक-एक बाल्टी पानी के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ रही है। बिजली नहीं रहने पर पानी नहीं मिल पाता तब दूर-दराज से लाना पड़ता है। चकवासू स्लम बस्ती के लोगों को भी पानी के लिए रोज किल्लत झेलनी पड़ रही है। हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है। कमोवेश शहर की अधिकतर स्लम बस्तियों में इस तरह के हालात हैं।
खुले नलों से हो रही पानी की बर्बादी
एक ओर शहरवासियों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर निगम के खुले नालों से पानी की बर्बादी हो रही है। पानी टंकी चर्च रोड में नाला के किनारे स्थित सार्वजनिक नल में टेप नहीं रहने से दिनभर पानी बहता रहता है। शहर में ऐसे दर्जनों सार्वजनिक नल हैं, जिसमें टेप नहीं रहने से पानी बर्बाद हो रहा है।
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