सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में इलाज मतलब रेफर
सदर अस्पताल में रेफर संस्कृति हावी है। यहां पर शाम पांच बजे से लेकर अगले दिन सुबह दस बजे तक कोई चिकित्सक या एएनएम की सेवा नहीं मिलती।
कमुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में रेफर संस्कृति हावी है। यहां पर शाम पांच बजे से लेकर अगले दिन सुबह दस बजे तक कोई चिकित्सक या एएनएम की सेवा नहीं मिलती। मिले भी तो किस तरह से सही तरीके से रोस्टर नहीं बना है। जो बना उसका पालन सही नहीं हो रहा है। यह जानकारी केंद्रीय टीम की जांच के समय सामने आई। सदर अस्पताल में आधुनिक सुविधायुक्त मातृ-शिशु सदन के सुविधा के आकलन करने आए परिवार कल्याण मंत्रालय से जुड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र के कंसलटेंट डा. इनामुल कंबल खोखर ने यहां की कुव्यवस्था पर नाराजगी जताई। निरीक्षण के समय सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा अपनी पूरी टीम के साथ उपस्थित रहे। सीएस ने भी सदर अस्पताल प्रबंधक को हिदायत दिया कि निजी अस्पताल से यहां पर ज्यादा सुविधा रहने के बावजूद प्रसव कम होना चिता की बात है। यहां पर जो कमी है उसको अविलंब दूर किया जाए।
सीएस के सामने यह बात आई कि यहां पर अब चार स्त्री व प्रसव रोग विशेषज्ञ की टीम है। लेकिन महीने में बहुत कम सिजेरियन हो रहा है। जबकि पूर्व में यह टारगेट दिया गया था कि एक महिला विशेषज्ञ दस सिजेरियन आपरेशन हर हाल में अवश्य करे। इस लक्ष्य को पूरा करना चाहिए। इस मौके पर डीपीएम बीपी वर्मा, सदर अस्पताल के प्रबंधक कल्पना कुमारी, केयर प्रतिनिधि सीरूल होदा आदि शामिल रहे। ये मिलीं खामियां - प्रसव कक्ष के रोस्टर ड्यूटी को मानक के अनुसार नहीं बना
- प्रसव के लिए आई गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन से प्रसव हो रहा कम
- लक्ष्य कार्यक्रम तहत चिकित्सक व कर्मियों का काम किया जाए तय
- प्रसव कक्ष एवं ओटी में किए जा रहे लक्ष्य कार्यक्रम के लिए सभी कार्यों का लेखा जोखा संधारण एवं इसकी निगरानी सुनिश्चित की जाए।