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महापौर सुरेश कुमार की गई कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव पारित

महापौर के खिलाफ 25 पार्षदों ने किया वोट समर्थन में एक भी वोट नहीं। विशेष बैठक में शामिल हुए 40 पार्षद महापौर समेत चार ने नहीं डाला वोट 11 ने किया बैठक का बहिष्कार।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 08:37 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 08:37 PM (IST)
महापौर सुरेश कुमार की गई कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव पारित
महापौर सुरेश कुमार की गई कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव पारित

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सुरेश कुमार की महापौर की कुर्सी छिन गई है। शनिवार को उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। महापौर के खिलाफ 25 पार्षदों ने वोट किया। समर्थन में एक भी पार्षद ने वोट नहीं किया। महापौर ने खुद अपना वोट नहीं डाला। सबसे बड़ी बात, जिन 19 पार्षदों ने महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, उनमें से किसी ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। अब निर्वाचन आयोग द्वारा तिथि तय करने के बाद नए महापौर का चुनाव होगा। 

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चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को आम्रपाली सभागार में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए निगम बोर्ड की विशेष बैठक हुई। उपमहापौर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 49 में 40 पार्षदों ने हिस्सा लिया। लेकिन, बैठक शुरू होते ही संजीव कुमार चौहान, अर्चना पंडित व आभा रंजन समेत 11 पार्षद बैठक का बहिष्कार कर चले गए। बचे 29 पार्षदों में से अविश्वास प्रस्ताव राकेश कुमार सिन्हा पप्पू (वार्ड 23), जावेद अख्तर गुड्डू (वार्ड 6), राजीव कुमार पंकू (वार्ड 28), केपी पप्पू (वार्ड 21), संतोष महाराज (वार्ड 25), अजय ओझा (वार्ड 27), रंजू सिन्हा (वार्ड 29), सुषमा कुमारी (वार्ड 7) व गीता देवी (वार्ड 47) ने बहस में हिस्सा लिया। महापौर के जवाब के बाद मतदान में सिर्फ 25 पार्षदों ने हिस्सा लिया। इसमें सुरेश कुमार समेत राकेश कुमार सिन्हा पप्पू, हरिओम कुमार व जावेद अख्तर ने हिस्सा नहीं लिया। डाले गए सभी मत वैध होने के बाद नगर आयुक्त ने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की घोषणा की।

 नगर आयुक्त संजय दुबे ने कहा कि बैठक शांतिपूर्ण रही, किसी प्रकार का विवाद नहीं हुआ। बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मतदान हुआ। अविश्वास प्रस्ताव 25-0 से पारित हुआ। फैसले से निर्वाचन आयोग को अवगत कराया जाएगा। उसके बाद जो भी कार्यक्रम तय होगा, उसके अनुसार नए महापौर का चुनाव होगा। 

इस बारे में निवर्तमान महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि जब तक कुर्सी पर रहा, बेहतर काम किया। शहर के विकास की सोच रखी। सबके साथ मिलकर काम करने का प्रयास किया। बावजूद पार्षदों ने उनको हटाने के लिए प्रस्ताव लाया और उनके खिलाफ वोट किया। पार्षदों ने जो उचित समझा, वो किया। पार्षद के रूप में वे शहर एवं वार्डवासियों की सेवा करते रहेंगे। 

वहीं, उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला ने कहा कि फैसले से यह तय हो गया कि निगम सिर्फ पार्षद चलाएंगे कोई किंगमेकर नहीं। महापौर को हटाने एवं बनाने का काम पार्षद ही करेंगे। आगे सब मिल बैठकर निर्णय लेंगे। राकेश कुमार पिंटू मेयर पद के उम्मीदवार होंगे। सभी पार्षद इस पर मिलकर निर्णय लेंगे। 

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