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विकास पर करोड़ों खर्च, फिर भी यात्रियों को सुविधा मयस्सर नहीं

बैरिया बस स्टैंड का हाल बुरा। पीने को पानी नहीं। यात्री पड़ाव पर दुकान। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं बदली सूरत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 09:15 AM (IST)
विकास पर करोड़ों खर्च, फिर भी यात्रियों को सुविधा मयस्सर नहीं
विकास पर करोड़ों खर्च, फिर भी यात्रियों को सुविधा मयस्सर नहीं

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अंतरराज्यीय बैरिया बस पड़ाव में यात्रियों के लिए न कोई सुविधा है और नहीं सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम। सरकार को भले ही करोड़ों का राजस्व प्राप्त हो रहा हो, मगर यात्री परेशानी से जूझ रहे हैं। यहां न उनके लिए पेयजल का मुकम्मल इंतजाम है, नहीं सुरक्षा की कोई व्यवस्था। पेयजल के लिए लाखों रुपये खर्च हो गए, मगर उनकी प्यास नहीं बुझ सकी। कई एकड़ में फैले पड़ाव में प्यास बुझाने के लिए इक्के-दुक्के चापाकल ही सहारा हैं।

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   यात्रियों के लिए बने शेड पर दुकानदारों का कब्जा है। नतीजा लोग गर्मी में धूप व बरसात में बारिश की पानी में भींगने को विवश रहते हैं। रोशनी के लिए लगाए गए दर्जनों वैपर लाइट खराब हैं। हाइमास्क लाइट के सहारे अंधेरा मिटाने की जद्दोजहद है। लाखों रुपये खर्च कर बने सड़क व नाला भी बनने के साथ टूट गए। 

हाथ पकड़ कर यात्रियों को खींचते हैं कंडक्टर व एजेंट

बसों के कंडक्टर व एजेंटों द्वारा यहां यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। उनका हाथ पकड़ कर जबरन बसों में चढ़ाया जाता है। सीट नहीं मिलने पर भी उनको उतरने नहीं दिया जाता। विरोध करने पर मारपीट तक की जाती है। पटना रूट की बसों में इस तरह के मामले सबसे अधिक हैं।

कोर्ट के आदेश पर भी नहीं खुला पुलिस ओपी

बैरिया बस पड़ाव में बस संचालकों के बीच आए दिन होने वाली हिंसक घटनाओं के बाद भी पुलिस-प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लेता। सुरक्षा को लेकर यहां पुलिस ओपी खोलने का प्रस्ताव समिति की बैठक में पास किया गया था। मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के जिला प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने पड़ाव में सुरक्षा एवं यात्री सुविधा को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने पुलिस ओपी खोलने समेत समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्य करने का आदेश दिया।

   जब इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर अवमानना वाद दायर किया गया। कोर्ट ने प्रशासन को चार सप्ताह के अंदर कार्य कर संपन्न हुए कार्य की तस्वीर के साथ हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। आनन-फानन प्रशासन ने आधा-अधूरा कार्य कर कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया। मगर. ओपी का मामला लटक गया। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यहां आए दिन मारपीट होती रहती है। इसके बाद भी ओपी खोलने के मामले में प्रशासन ने सुस्ती की।

   एसडीओ पश्चिम व बैरिया बस पड़ाव समिति के सचिव अनिल कुमार दास ने कहा कि बैरिया बस पड़ाव के विकास के लिए राशि है। चुनाव के बाद यात्रियों की सुविधा बढ़ाने पर इसे खर्च किया जाएगा। यात्रियों को हाईटेक सुविधाएं मिलेंगी। ओपी खोलने के लिए भी प्रयास होगा। फिलहाल पेयजल के लिए दो आरओ लगाए जाएंगे। 

यात्रियों को होती हैं कई परेशानियां

बस स्‍टैंड में यात्रियों को कई परेशानियां होती है। इसमें पानी की समस्या प्रमुख है। गेट नंबर तीन पर मात्र एक चापाकल है। शौचालय से गंदा पानी बहता रहता है। वैपर के लिए लगे 40 पोल खाली हैं। रोशनी का आधा-अधूरा इंतजाम है। यात्री पड़ाव पर दुकानदारों का कब्जा है। असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।


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