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CBSE के टॉप 50 लिस्ट में मुजफ्फरपुर का एक भी स्कूल शामिल नहीं, इन कारणों से पिछड़ा... Muzaffarpur News

सीबीएसई ने ग्रेडिंग के आधार पर टॉप 50 स्कूलों की सूची जारी की है लेकिन मुजफ्फरपुर समेत राज्य के एक भी स्कूल उस ग्रेडिंग के पास तक नहीं पहुंच सके।

By Edited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 01:56 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 01:56 AM (IST)
CBSE के टॉप 50 लिस्ट में मुजफ्फरपुर का एक भी स्कूल शामिल नहीं, इन कारणों से पिछड़ा... Muzaffarpur News
CBSE के टॉप 50 लिस्ट में मुजफ्फरपुर का एक भी स्कूल शामिल नहीं, इन कारणों से पिछड़ा... Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सीबीएसई ने ग्रेडिंग के आधार पर टॉप 50 स्कूलों की सूची जारी की है, लेकिन मुजफ्फरपुर समेत राज्य के एक भी स्कूल उस ग्रेडिंग के पास तक नहीं पहुंच सके। राज्य के ज्यादातर स्कूल पांच प्वाइंट तक ही सिमट गए। इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षकों व लैब की गुणवत्ता में कमी होना बताया गया है। कहा जा रहा है कि इन्हीं खामियों के कारण कुशाग्र बुद्धि के बच्चे दूसरे प्रदेशों में पढ़ने चले जाते हैं। इसके कारण यहां की ग्रेडिंग कम हो गई।

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 पढ़ाई में पिछड़ गए ज्यादातर स्कूल

बोर्ड की ग्रेडिंग सूची रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर स्कूल में शैक्षणिक प्रोसेस कमजोर हैं। बच्चे स्कूल तो आते हैं, लेकिन पढ़ाई में क्वालिटी नहीं रहती। पढ़ाई के लिए 25 फीसद अंक रखे गए थे। इसमें राज्य के अधिकतर स्कूल 15 अंक तक ही पहुंच सके। दूसरी ओर तीन वर्षो में स्कूलों के रिजल्ट का प्रतिशत भी कम हुआ है।

खेल मैदान का क्षेत्रफल काफी कम

सीबीएसई के खेल कैलेंडर में बिहार का एक मात्र स्कूल डीएवी जगदीशपुर शामिल है। इस स्कूल का चयन भी केवल खो-खो के लिए किया गया था। इसके अलावा प्रदेश भर के किसी भी स्कूल में खेल का मैदान सीबीएसई की गाइडलाइन के अनुसार नहीं है। कुछ सीबीएसई स्कूल संचालकों का कहना है कि दिल्ली या अन्य प्रदेशों में जमीन सरकारी दर पर उपलब्ध हो जाती है, लेकिन यहां व्यावसायिक दर पर चार गुणा अधिक पैसे लगाने पड़ते हैं। सीबीएसई चाहती है कि एक ही कैंपस में खेल के सारे मैदान रहें, लेकिन यहां कुछ स्कूल संचालक स्कूल के बाहर दूसरी जगहों पर जमीन लेकर मैदान बना रखे हैं, इसलिए उन्हें ग्रेडिंग से बाहर कर दिया गया।


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