ब्रह्मपुरा में संदिग्ध परिस्थिति में नवविवाहिता की मौत, यह रही वजह Muzaffarpur News
साड़ी के फंदे से लटकता मिला शव टाइल्स मिस्त्री की थी पत्नी। एफएसएल की टीम ने लिए नमूने दहेज के लिए हत्या का आरोप।
मुजफ्फरपुर,जेएनएन। ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के सोडा गोदाम चौक पर गुरुवार को संदिग्ध परिस्थति में एक नवविवाहिता की मौत हो गई। उसका शव बंद कमरे में फंदे से लटकता मिला। छत में लगे बांस में साड़ी के फंदे से वह लटक रही थी। महिला की पहचान टाइल्स मिस्त्री सूरज कुमार की पत्नी अंशु देवी के रूप में हुई है। घटना के समय उसके पति और सास काम करने बाहर गए थे। सूचना मिलने पर ब्रह्मपुरा थानेदार विश्वनाथ राम दलबल के साथ पहुंचे और छानबीन की। पति समेत आसपास के लोगों से भी पूछताछ की गई। इसी दौरान एक महिला सिपाही गर्मी के कारण बेहोश हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया। एफएसएल की टीम ने भी मौके पर पहुंच जांच के नमूने एकत्र किए। महिला जिस साड़ी के फंदे से लटक रही थी। उसे जांच के लिए लिया गया। छानबीन करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
कमरे से आई चीखने की आवाज
दोपहर का समय था। घर पर सिर्फ सूरज की चचेरी बहन थी। अचानक अंशु के कमरे से चीखने की आवाज उसे सुनाई दी। वह दरवाजा के पास गई तो बंद पाया। फिर खिड़की से झांक कर देखा तो दंग रह गई। उसने सूरज और उसकी मां को सूचना दी। वे लोग घर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा।
दहेज के लिए हत्या करने का आरोप
घटना की जानकारी मिलने पर साहेबगंज बेलसर नवादा स्थित उसके मायके से पिता प्रभु दास समेत अन्य लोग पहुंचे। दहेज में बाइक नहीं देने पर हत्या करने का आरोप ससुराल वालों पर लगाया। कहा कि ये लोग दहेज के लिए उसे प्रताडि़त करते थे। इसकी जानकारी उनकी बेटी ने दी थी। लेकिन, आर्थिक हालत तंग होने के कारण वे बाइक नहीं दे पा रहे थे। इसलिए आरोपितों ने घटना को अंजाम दिया। इसे लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने की कवायद की जा रही है।
जून में हुई थी शादी
अंशु की शादी इसी साल चार जून को सूरज से एक मंदिर में हुई थी। वह टाइल्स मिस्त्री का काम करता है और सास वीणा देवी चांदनी चौक पर एक कचरे के गोदाम में काम करती है। बुधवार रात मायके वालों से अंशु की बातचीत हुई थी। गुरुवार की दोपहर घटना की जानकारी मिली। इधर, महिला की सास ने बताया कि परिवार में किसी तरह का विवाद नहीं चल रहा था। सुबह में उनकी बहू ने खाना बनाया था। वह और उनका बेटा खाना खाकर काम करने गए थे। उस समय तक सबकुछ ठीक था।