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Muzaffarpur Coronavirus News Update : एसकेएमसीएच में तीन दिनों के अंदर तैयार हो जाएगा नया कोरोना वार्ड, होंगी ये सुविधाएं

जिलाधिकारी ने गुरुवार को एसकेएमसीएच पहुंच कर पीकू वार्ड का निरीक्षण किया। इसमें ऑक्सीजन युक्त कुल 160 बेड होंगे जिसमें से 100 बेड आइसीयू के लिए रहेंगे l

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:05 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 06:05 PM (IST)
Muzaffarpur Coronavirus News Update : एसकेएमसीएच में तीन दिनों के अंदर तैयार हो जाएगा नया कोरोना वार्ड, होंगी ये सुविधाएं
Muzaffarpur Coronavirus News Update : एसकेएमसीएच में तीन दिनों के अंदर तैयार हो जाएगा नया कोरोना वार्ड, होंगी ये सुविधाएं

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muzaffarpur Coronavirus News Update : जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने तैयारी आरंभ कर दी है। इसी क्रम में अब पीआइसीयू को नया कोरोना वार्ड बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसे तीन दिनों के अंदर-अंदर कोरोना वार्ड के रूप में बदलने का निर्देश डीएम की ओर से दिया गया है। जिलाधिकारी ने गुरुवार को एसकेएमसीएच पहुंच कर पीकू वार्ड का निरीक्षण किया। इसमें ऑक्सीजन युक्त कुल 160 बेड होंगे, जिसमें से 100 बेड आइसीयू के लिए रहेंगे l

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सीएम ने सुझाव दिया था

दरअसल समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीआइसीयू को कोरोना वार्ड के रूप में उपयोग किए जाने पर विचार करने का सुझाव दिया था। इसके बाद बुधवार की देर शाम एसकेएमसीएच पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत औरं सचिव लोकेश कुमार सिंह ने निरीक्षण किया था। उन्होंने कहा था कि पीकू वार्ड में अब कोरोना मरीज भर्ती होंगे। वहां पर चल रहे बच्चों का इलाज पुराने भवन में होगा। प्रधान सचिव ने जिलाधिकारी को पीकू में शीघ्र कोरोना वार्ड शुरू कराने और पीकू वार्ड को पुराने भवन में ले जाने में सहयोग करने को कहा था।

ऑक्सीजन पाइप लाइन की व्यवस्था

 कहा, इलाज में परेशानी नहीं हो इसका पूरा ख्याल रखा जाए। अतिरिक्त बेड की आवश्यकता होगी तो उसी परिसर में बने अतिथिशाला में भी 60 बेड उपलब्ध हैं। वहां ऑक्सीजन पाइप लाइन की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए इसे भी कार्ययोजना में शामिल करें। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर सारी व्यवस्था हो जाएगी। इधर चिकित्सकों ने कहा कि पीकू वार्ड व एनआइसी एक जगह पर रहने से अभी इलाज आसानी है। शिशु विभाग में चिकित्सकों की संख्या कम होने से पुराने भवन में पीकू व नए बने मातृ-शिशु सदन में एनआइसी रहने में इलाज व्यवस्था संभालने में परेशानी होगी। इसलिए दोनों को एक जगह रहना चाहिए।  


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