कभी भी गिरफ्तार हो सकता है भारत में कोरोना आतंक फैलाने की साजिश रचनेवाला जालिम मुखिया
बिहार के रास्ते नेपाल के सीमावर्ती इलाके से भारत में कोरोना मरीजों को भेजकर आतंक फैलाने की साजिश रचनेवाला जालिम मुखिया कभी भी गिरफ्तार हो सकता है। नेपाल सरकार ने आदेश जारी किया है।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा के पर्सा जिला वीरगंज नेपाल के रास्ते 40-50 कोरोना संक्रमित लोगों को चोरी-छिपे भारत में प्रवेश कराने की साजिश रचने के खुलासे के बाद आरोपित जानकी टोला जगरनाथपुर सेढ़वा गांवपालिका अध्य्क्ष जालिम मियां की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। जानकारी के मुताबिक जालिम मियां अभी खुद को सुरक्षित स्थान पर रख रहा है। नेपाल गृह मंत्रालय के निर्देश पर उसकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है।
कोरोना वायरस से बचने के लिए जालिम मियां लोगों से दूर रहा है और शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए अपने पैतृक गांव में ही मौजूद है। फिलहाल प्रशासन के स्तर से उसे होम क्वारेंटाइन नही किया गया है। जनप्रतिनिधि होने के नाते वह अपने कार्यों का निष्पादन भी अपने आवास से ही कर रहा है।
बता दें कि 3 अप्रैल को एसएसबी ने पश्चिमी चंपारण के डीएम को गोपनीय पत्र लिखकर अलर्ट किया था कि जालिम मुखिया 40-50 कोरोना संक्रमित लोगों को नेपाल के रास्ते चोरी-छिपे भारत में प्रवेश करा चुका है। इसके बाद डीएम कुंदन कुमार ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा था।
बता दे कि सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि लॉक डाउन के दौरान चार दर्जन कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों को जालिम मुखिया सीमावर्ती इलाके से भारत में प्रवेश कराने की जिम्मेवारी भी ली है। भारत विरोधी संगठन के इशारे पर उसपर कोरोना वायरस आतंक फैलाने की संभावना थी। सूचना मिलते ही बार्डर पर अलर्ट कर दिया गया था।
इसके दस दिन पूर्व उसके गांवपालिका क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों और मदरसों से एक दर्जन से अधिक जमातियों को नेपाल प्रशासन ने हिरासत में लिया था। जिन्हें वीरगंज में क्वारेन्टाइन में रखा गया है। पर्सा जिला वीरगंज डीएसपी वीरेंद्र बहादुर शाही ने दूरभाष पर बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी लोग लॉक डाउन का पालन कर रहे है। भीड़ से अलग रह रहे हैं। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक ना तो जालिम मियां को गिरफ्तार किया है और ना ही उसे होम क्वारेंटाइन किया गया है।
दिल्ली के तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटे जालिम मुखिया ने भारतीय और विदेशी सहित 24 तबलीगी जमातियों को छपकैया वार्ड नंबर 2 की मस्जिद और यतीमखाना की मस्जिद में रखा था। सूचना मिलते ही नेपाली पुलिस ने इनकी जांच की, जिसमें 3 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
संक्रमितों को नारायणी अस्पताल वीरगंज के आइसोलेशन में रखा गया है। यातीमखाना संचालन कमेटी के अली असगर मदनी उर्फ कालानाग और जगरनाथपुर गांव सभा के प्रधान जालिम मुखिया ने सभी जमातियों के रहने और खाने का बंदोबस्त किया था। जमातियों द्वारा अस्पताल में कर्मचारियों और पुलिस से दुर्व्यवहार भी करने की खबरें हैं।
जालिम मुखिया नेपाल के परसा जिले के सेरवा थानाक्षेत्र स्थित जगरनाथ पुर गांव का रहनेवाला है। हथियार और नकली भारतीय नोटों की तस्करी में वह शामिल रहा है। इन मामलों में उसके खिलाफ चार्जशीट भी हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक तबलीगी जमात के कई लोग भारत में लॉकडाउन के बाद नेपाल चले गए थे। जालिम मुखिया इन जमातियों को भारत लौटने में अपने नेटवर्क के जरिए मदद कर रहा था।