India-Nepal Border Tension: बॉर्डर पर हेलीपैड के बाद अब बैरक बना रहा नेपाल, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां हुई सतर्क
सुस्ता गांव पालिका के नरसही त्रिवेणी के आर्मी कैंप और उज्जैनी के समीप निर्माण। नेपाली एपीएफ के लिए निर्माण के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क सीमा से अधिकतम दूरी 12 किमी।
वाल्मीकिनगर (पचं), जेएनएन। सीमावर्ती नेपाल में तीन हेलीपैड के निर्माण के बाद अब नेपाल सरकार वहां तीन बैरकों का निर्माण कर रही है। वाल्मीकिनगर सीमा से इसकी अधिकतम दूरी 12 किलोमीटर है। इसकी जानकारी मिलने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। वाल्मीकिनगर सीमा से सटे नेपाल के नवलपरासी जिले के सुस्ता गांव पालिका के नरसही के वार्ड नंबर चार, त्रिवेणी के आर्मी कैंप और उज्जैनी के समीप हेलीपैडों का निर्माण पूरा हो चुका है। इनकी सुरक्षा का जिम्मा नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) को सौंपा गया है।
नरसही के वार्ड नंबर चार में जिस स्थान पर हेलीपैड का निर्माण हुआ है, वहां नेपाल सरकार ने 10 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। यहां एपीएफ के लिए स्थायी बैरक का निर्माण किया जा रहा है। भारतीय सीमा से इसकी दूरी 12 किलोमीटर है। ढाई किलोमीटर दूर त्रिवेणी में सात एकड़ और तकरीबन नौ किलोमीटर दूर उज्जैनी में भी सात एकड़ में बैरक का निर्माण हो रहा है।
पहले भी बैरक का कर चुका है निर्माण
पांच वर्ष पूर्व गंडक बराज के नेपाली क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की आपत्ति के बावजूद एपीएफ ने बैरक निर्माण कर लिया था। इसे लेकर जल संसाधन विभाग पत्राचार ही करता रहा। वहीं, वाल्मीकिनगर स्थित ऐतिहासिक गंडक बराज के गेट नंबर 36 के समीप एपीएफ ने अवैध पक्का निर्माण कर लिया है। गंडक बराज भारत व नेपाल के लिए एक अंतरराष्ट्रीय धरोहर है। इसकी सुरक्षा एक-दूसरे के सहयोग से की जाती है।
इस बारे में एसएसबी 21वीं वाहिनी (बगहा) के कमांडेंट राजेंद्र भारद्वाज ने कहा कि नेपाल में बैरक बनाने की कोई जानकारी नहीं है। बार्डर पर सुरक्षा को लेकर एसएसबी के जवान नियमित गश्त करते रहते हैं।