AES in Muzaffarpur : एईएस मरीज के इलाज में इस स्तर पर बरती जा रही लापरवाही, सामने आया सच
AES in Muzaffarpur औराई की चांदनी जीवन-मौत से जूझ रही चिकित्सक भी परेशान। एईएस पीडि़त मरीजों की संख्या पहुंची 22 एक अभी भर्ती।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। औराई से इलाज को एसकेएमसीएच पहुंचीं चांदनी के इलाज में लापरवाही सामने आई है। सुबह छह बजे से बीमार होने के बाद उसके स्वजन इलाज के लिए इधर उधर भटकते रहे। करीब 11 बजे रून्नीसैदपुर पीएचसी पहुंचे। वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने एईएस पोट्रोकॉल के हिसाब से उसका इलाज नहीं किया।
जीवन व मौत से जूझ रही
एसकेएमसीएच के शिशु विभाग की ओर से इलाज की समीक्षा में यह बात सामने आई कि बीमार बच्ची की ब्लड सुगर जांच भी सही तरीके से नहीं की गई। एक एंटीबायोटिक दवा देकर उसको रेफर कर दिया गया। यहां आते-आते काफी विलंब हो गया। अब वह जीवन व मौत से जूझ रही है। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि सकरा में भी पिछले दिनों एईएस के प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने के कारण आदित्य नामक बच्चे को बचाया नहीं जा सका। एक बार फिर चांदनी की हालत भी खराब है। इसकी जानकारी राज्य मुख्यालय को दी गई है।
एईएस पीडि़त की संख्या 22
अबतक इस साल एसकेएमसीएच में 22 व केजरीवाल में एक बच्चे में एईएस की पुष्टि हुई है। इसकी पुष्टि अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने भी की है। उन्होंने बताया कि एसकेएमसीएच में अबतक एईएस के 22 मरीज मिले हैं। इनमें मुजफ्फरपुर के 11 बच्चे हैं, जिनमें तीन की मौत हो गई है। इसी तरह पूर्वी चंपारण के सात व केजरीवाल अस्पताल को मिलाकर कुल आठ मरीजों का इलाज हुआ है। वैशाली के दो मरीजों में से एक की मौत हो चुकी है। सीतामढ़ी व शिवहर के एक-एक मरीज हैं।