Move to Jagran APP

नवरूणा मर्डर केस : देता रहा सबूत, दौड़ता रहा दफ्तर-दफ्तर, अब नतीजा देखिए... Muzaffarpur News

नवरूणा अपहरण व हत्याकांड में सीबीआइ की ओर से इनाम की घोषणा पर बोले पिता अतुल्य- अब तो लगने लगा है डर!

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 12:46 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 12:46 PM (IST)
नवरूणा मर्डर केस : देता रहा सबूत, दौड़ता रहा दफ्तर-दफ्तर, अब नतीजा देखिए... Muzaffarpur News
नवरूणा मर्डर केस : देता रहा सबूत, दौड़ता रहा दफ्तर-दफ्तर, अब नतीजा देखिए... Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर [संजय कुमार उपाध्याय] ।  'मैंने जितने सबूत दिए वो मेरी बेटी के साथ हुई घटना को प्रमाणित करने के लिए काफी हैैं। लेकिन, ईमानदार जांच हो तो। सबकी कॉपी मेरे पास है। सीबीआइ ने जब बुलाया तब गया। मैैं सबूत देता रहा। पुलिस से लेकर सीबीआइ तक विभिन्न जांच एजेंसियों के दफ्तर-दफ्तर दौड़ता रहा। अब नतीजा देख लीजिए- मेरी बेटी के केस को सुलझाने के लिए सीबीआइ ने इश्तेहार चस्पा कर दिया। कुछ दिनों बाद केस बंद कर देगी। अब तो 68 साल की उम्र हो गई। बीमार रहता हूं। क्या करूं? अब तो लगता है जान निकल जाएगी।

loksabha election banner

पुत्री नवरूणा चक्रवर्ती के अपहरण से लेकर घर के पास नाले से लाश मिलने की कहानी बताते हुए शहर के जवाहरलाल रोड निवासी अतुल्य चक्रवर्ती रो पड़े। कहा- हिसाब लगा लीजिए। सात साल गुजर गए। लेकिन, जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। उपर से बीच में इस मामले में जिस तरह के लोगों की संलिप्तता है। ऐसे में अब तो डर लगने लगा है।  इतने सबूत दिए। इतने साल जांच हुई। अंत में सीबीआइ ने 20 सितंबर 2019 को मुझे नोटिस भेज अपने कैंप कार्यालय बुलाया। मैैंने वहां जाने में खुद को असमर्थ बताते हुए सीबीआइ को जवाब भेजा। कहा- आप मेरे घर आकर जानकारी ले लीजिए। इसके बाद से सीबीआइ की ओर से कोई पहल नहीं की गई। बुधवार को शहर में नोटिस चस्पा कर दिया गया।

इस मामले को सुलझाने के लिए 10 लाख के इनाम की घोषणा की गई। क्या इतने दिनों की जांच में कुछ नहीं मिला। मैैंने जो सबूत दिए उनका क्या? सात साल से लगातार जानकारी दे रहा हूं। लेकिन, फिर धारा-164 के तहत बयान रिकार्ड करने की कवायद का क्या मतलब। बयान में अंतर दिखाने की कोशिश नहीं तो और क्या है। 

सीबीआइ को आठवीं बार मिले वक्त की मियाद 21 नवंबर को हो रही पूरी 

बताया कि इस मामले में मुजफ्फरपुर के ही अभिषेक रंजन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका (178/2012) में अवमानना वाद (146/2016) की सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक वक्त सीबीआइ को दिया। कहा- निर्धारित अवधि में मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट दें। निर्धारित अवधि में जांच पूरी नहीं हो सकी। अबतक आठ बार सीबीआइ ने वक्त ले लिया है। अंतिम बार 21 अगस्त 2019 को कोर्ट ने तीन महीने का वक्त दिया। इसकी मियाद भी 21 नवंबर को पूरी हो रही है। इस स्थिति में इश्तेहार चस्पा किया गया है। अब न्यायालय के अगले आदेश का इंतजार है। 

 

कहते हैं - 'ब्लाइंड केस ऑफ किडनैपिंग एंड मर्डर 

अपहरण बाद बेटी की हत्या की बात से अतुल्य और पुत्री वियोग में बीमार हो चलीं नवरूणा की मां मैत्रेयी चक्रवर्ती सहमत नहीं है। कहते हैैं - जांच एजेंसी सिद्ध करे कि मेरी बेटी मर गई। मुझे तो आज भी उसके जन्म दिन पर फोन आता है। मेरे जन्मदिन पर फोन आता है। यह तो जांच का विषय था। चूंकि, इस मामले में कई बड़े पुलिस अधिकारी फंस सकते हैैं, सो जैसे-तैसे जांच चल रही है। बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रहे हैैं। अब तो मैैं बूढ़ा हो गया। देख लीजिए, मैत्रेयी ने बिस्तर पकड़ लिया है। न जाने क्या होगा। सीबीआइ वाले तो शुरू से ही इस मामले को 'ब्लाइंड केस ऑफ किडनैपिंग एंड मर्डर कह रहे हैैं। 

यह है मामला 

18 सितंबर 2012 को जवाहरलाल रोड स्थित आवास से नवरूणा का अपहरण हुआ। नगर थाना में प्राथमिकी हुई। 26 नवंबर 2012 को अपहृता के घर के सामने नाले से लाश मिली। घटना को लेकर हुए आंदोलन और जांच के बाद सीआइडी ने जांच शुरू की। इससे भी बात न बनी तो फरवरी 2014 में सीबीआइ ने इस मामले की जांच शुरू की। सात साल बाद अब जनता से मामले में क्लू मांगा गया है। दस लाख इनाम की घोषणा हुई है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.