Naulakha Sun Temple: भारत-नेपाल के सीमावर्ती शहर रक्सौल के आकर्षण का केंद्र है नौलाखा सूर्य मंदिर, छठ के लिए है काफी महत्वपूर्ण
Naulakha Sun Temple भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित पूर्वी चंपारण का सीमावर्ती शहर रक्सौल के मुख्य पथ पर थाना परिसर में निर्मित नौलखा सूर्य मंदिर लोक आस्था के महापर्व छठ के लिए काफी महत्वपूर्ण है। दर्जनों वार्ड की व्रती लोक आस्था के महापर्व छठ करने पहुंचती है।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित पूर्वी चंपारण का सीमावर्ती शहर रक्सौल के मुख्य पथ पर थाना परिसर में निर्मित नौलखा सूर्य मंदिर लोक आस्था के महापर्व छठ के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस मंदिर प्रांगण में शहर के विभिन्न वार्डो की व्रती पूजा करने पहुंचती है। जैसे -जैसे छठ पूजा नजदीक आ रहा है। तालाब के बीचो-बीच बने मंदिर की स्थिति देख श्रद्धालु चिंतित है। दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर स्थित यह मंदिर आस्था का केन्द्र है। जहां अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों के लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते है। यह मंदिर देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। छठ पूजा के दौरान इस मंदिर का महत्व काफी बढ़ जाता है। तीन मंजिल के इस मंदिर की बनावट देखते ही बनती है। थाना परिसर स्थित तालाब के बीच में निर्मित इस मंदिर के चारों दिशा में बनी सीढ़ियों पर बैठकर छठव्रती पूजा-अर्चना कर भगवान भास्कर को अघ्र्य देते है। इधर मंदिर के आगे मार्केट कॉम्प्लेक्स बना दिए जाने से मंदिर का आकर्षण कम हो गया है।
कब हुआ था मंदिर का निर्माण
मंदिर का शिलान्यास 1992 में तत्कालीन स्थानीय राजद विधायक राजनंदन राय ने किया था। इसके बाद जनसहयोग से वर्ष 1993 में प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत मंदिर का उद्घाटन हुआ। करीब 9 लाख की लागत से मंदिर का निर्माण कार्य 9 माह के अंदर किया गया। तत्कालीन थानाध्यक्ष आरएस राय ने मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी।
कमेटी के द्वारा होती है मंदिर की देखरेख
मंदिर के संचालन के लिए कमेटी का गठन किया गया, जिसका पदेन अध्यक्ष थानाध्यक्ष होते है। इधर 2011 में भाजपा विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह ने इसके बेहतर संचालन के लिए कमेटी का गठन किया था। मंदिर के दो तरफ यानि मुख्य प्रवेश द्वार पूरब व उत्तर में मार्केट कंप्लेक्स दक्षिण में थाना का नया भवन व पश्चिम में पूराना भवन है।
पूर्व में इस मंदिर में जाने का रास्ता तीन तरफ से था। तालाब में बोट भी चलते थे। तालाब में मछलियां भी पाली जाती थी। लेकिन तालाब की साफ-सफाई सही ढंग से नहीं होने के कारण तालाब का पानी गंदा हो चुका है। जिससे छठव्रतियों को गंदे पानी में ही खड़ा होकर अघ्र्य देना पड़ेगा।
बोले लोग
इस संबंध में शशि सर्राफ, संजय कुशवाहा, पूर्व वार्ड पार्षद अशोक अग्रवाल, डॉ. नदीम अहमद, चुन्नू सिंह आदि लोगों ने बताया कि थाना प्रांगण में मंदिर है। इसकी सुरक्षा और अतिक्रमणमुक्त रखना थाना का कार्य है। नगर परिषद को इसका सौन्दर्यीकरण व स्वच्छ रखने का कार्य करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष अभय कुमार ने बताया कि मंदिर के अध्यक्ष तो विधायक है। बता दूं कि मंदिर की आय पहले एक हजार थी, बढ़ कर 10 हजार फिर 25 हजार हुई है। उक्त राशि मंदिर की सफाई, पूजा-पाठ और मरम्मत कार्य में खर्च की जाती है। मंदिर की सफाई कार्य शुरू किया जाएगा। तालाब के किनारों की सफाई करायी जा रही है।
बोले विधायक
नवनिर्वाचित विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि मंदिर का आधुनिकी कर्ण का प्रयास किया जाएगा। इससे लाईट से सजावट और रंगीन फुआरा लगाए जाने की योजना है। इस पर मेरी नजर है।