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बोले पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजनीति में समाज सेवा के लिए लोग कम ही आते Muzaffarpur News

पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. भगवान लाल सहनी का किया गया अभिनंदन। कहा पात्रता व योग्यता पैदा कीजिए तभी मिलेगा आरक्षण का लाभ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:02 AM (IST)
बोले पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजनीति में समाज सेवा के लिए लोग कम ही आते Muzaffarpur News
बोले पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजनीति में समाज सेवा के लिए लोग कम ही आते Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. भगवान लाल सहनी ने प्रखंड के मधुबन प्रताप चौक पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में समाज सेवा के लिए लोग कम ही आते हैं। राजनीति में आने के साथ ही लोग अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने लगते हैं। यही देश का दुर्भाग्य है।

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कहा कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और कमजोर वर्ग पर अत्याचार होता है, उसके अधिकार का हनन होता है तो आप उसे देखें और हमें सूचित करें। हमने कल्पना की थी कि गरहां हथौड़ी, अतरार औराई पथ सीधा नेपाल बॉर्डर से मिलेगा। इस पथ के निर्माण के लिए मैं बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव व केंद्र सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन गडकरी से मिलूंगा। हमें विश्वास है कि यह काम अवश्य हो जाएगा।

कहा कि शिक्षा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। मैं एक सामान्य परिवार से आता हूं। पिताजी ने हमको पढ़ाया, वे सिर्फ लिखना जानते थे। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर अपने समाज के लिए गौरव प्रदान किया है। इसका प्रभाव पूरे देश में पड़ा है। हरियाणा में निषाद समाज का सम्मेलन हुआ था। लोगों ने बताया कि आपको पिछड़ा वर्ग का अध्यक्ष बनाने का परिणाम हुआ कि 18 फीसद लोगों ने भाजपा को वोट दिया।

      भाइयों आरक्षण है, लेकिन आरक्षण उसी को मिलेगा जो पात्र होगा। पात्रता और योग्यता पैदा कीजिए बच्चों को पढ़ाई- लिखाइए, उसके बाद ही समाज का कल्याण होगा। रीगा चीनी मिल का दूषित पानी मनुषमारा व लखनदेई नदी मे गिराने से हुई क्षति पर कहा कि इसपर कार्रवाई कराई जाएगी। अध्यक्षता जदयू नेता बेचन महतो ने की। मौके पर नुनू सहनी, बालबोध राय, राजकुमार सहनी, राजनंदन सहनी, किशोरी सहनी, अशोक राम, रामश्रेष्ठ सहनी, हरेंद्र सहनी, बच्चन सहनी, बिंदेश्वर सहनी, मकसूदन सहनी, डॉ ब्रह्मानंद आदि थे।  


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