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Muzaffarpur: गांजा तस्करी में एक दर्जन तस्करों के नाम आए सामने, नकेल कसने की कवायद तेज

Muzaffarpur News राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआइ) की संयुक्त टीम के हत्थे चढ़े गांजा की कैरियर कर तस्करों के ठिकाने तक पहुंचाने वाले दो आरोपितों से पूछताछ में तस्करी से जुड़े करीब एक दर्जन लोगों के नाम सामने आए है। इन पर नकेल कसने की कवायद तेज हो गई है।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 11:35 AM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 11:35 AM (IST)
Muzaffarpur: गांजा तस्करी में एक दर्जन तस्करों के नाम आए सामने, नकेल कसने की कवायद तेज
मुजफ्फरपुर में गांजा तस्करी में एक दर्जन तस्करों के नाम आए सामने।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआइ) की संयुक्त टीम के हत्थे चढ़े गांजा की कैरियर कर तस्करों के ठिकाने तक पहुंचाने वाले दो आरोपितों से पूछताछ में तस्करी से जुड़े करीब एक दर्जन लोगों के नाम सामने आए है। जिस पर डीआरआइ की टीम संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रही है। इनके पास से जब्त मोबाइल का कॉल डिटेल्स को भी डीआरआइ की टीम खंगाल रही है। दूसरी ओर जिला पुलिस भी गांजा तस्करी के मामले में जेल भेजे गए छोटे धंधेबाजों पर नकेल कसने की कवायद तेज कर दी है। बता दें कि गुरुवार की शाम डीआरआइ की मुजफ्फरपुर व पूर्णिया की संयुक्त टीम ने गायघाट मैठी टॉल प्लाजा के निकट से नागालैंड नंबर की एक ट्रक से 1058 किलो गांजा जब्त की थी।
 ट्रक के चालक व खलासी को गिरफ्तार किया गया था। दोनों को पूछताछ कर शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा। बताया गया कि दोनों से पूछताछ में मिली जानकारी पर डीआरआइ की टीम ने देर रात तक हाइवे पर नाकेबंदी की। लेकिन खेप पकड़े जाने व गिरफ्तारी की भनक मिलने के बाद रूट बदल लिए जाने की बात सामने आई है। इसके कारण और गांजा की जब्ती नहीं हो सकी। डीआरआइ के अधिकारियों ने बताया कि गुप्त सूचना  पर नागालैंड नंबर की उक्त ट्रक पर गांजा की खेप को जब्त किया गया था।
 गुरुवार को जब मैठी टॉल प्लाजा के निकट से उक्त ट्रक को रोका गया था। तब चालक व खलासी ने भागने की भी कोशिश की थी। लेकिन खदेड़कर दबोच लिया गया था। बता दें कि ट्रक की तलाशी लेने पर उत्तर बिहार के एक चीनी मिल के नाम से कई प्रिंटेंड बोरे से गांजा जब्त किया गया था। पूछताछ में पता चला था कि ये दोनों गांजा तस्करी के रैकेट से जुड़े है। गांजा पहुंचाने के लिए दोनों कैरियर का काम करते है। इसके लिए इन दोनों को मोटी रकम दिया जाता है। डीआरआइ अधिकारियों की मानें तो ट्रक त्रिपुरा के उदयपुर से वैशाली के हाजीपुर के लिए चला था।
 

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