मुजफ्फरपुर : 12 वर्ष के बेटे के पीछे तरावीह की नमाज पढ़ रहे हैं माता-पिता
चंदवारा निवासी अधिवक्ता मो. आसिफ हसन एवं उनकी बीबी फरखंदा जबीं रमजान के महीने में अपने 12 वर्ष के बेटे के पीछे तरावीह की नमाज अदा कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। 12 वर्ष के हाफिज-ए-कुरआन आसिम हसन घर पर ही तरावीह की नमाज अदा करा रहे।
मुजफ्फरपुर, जासं। बेटे की कामयाबी मां-बाप के लिए बड़ी खुशी होती है। हाल साहेब की कोठी चंदवारा निवासी अधिवक्ता मो. आसिफ हसन एवं उनकी बीबी फरखंदा जबीं रमजान के महीने में अपने 12 वर्ष के बेटे के पीछे तरावीह की नमाज अदा कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक लगाई गई। रमजान के महीने में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज से भी लोग महरुम हो गए। ऐसे में 12 वर्ष के हाफिज-ए-कुरआन आसिम हसन घर पर ही तरावीह की नमाज अदा करा रहे। इस नमाज में उनके पीछे उनके अब्बू मो. आसिफ हसन, मां फखरंदा जबीं एवं भाई मो. आतिफ हसन होते हैं। पिता मो. आसिफ हसन ने कहा कि बेटे के पीछे नमाज अदा करने में खुशी मिल रही है। ऐसा नसीब सब पिता को नहीं मिलता। मैं खुशनसीब हूं कि अल्लाह ने ऐसा मौका दिया। परिवार के साथ तरावीह की नमाज अदा कर रहें। इसमें कोरोना गाइडलाइन के अनुसार शारीरिक दूरी का पालन भी किया जा रहा है।
मजबूरों-बीमारों की करें मदद, अल्लाह से सलामती की करें दुआ
मुजफ्फरपुर : आरबीटीएस होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के प्राध्यापक डॉ. शमीम आलम ने कहा कि पूरा देश कोरोना वायरस के प्रकोप से डरा-सहमा हुआ है। इस बीमारी ने कई घरों से उसका सहारा छिन लिया है। किसी ने अपने पिता को खोया है तो किसी ने अपनी संतान को। ऐेसे दहशत के माहौल में खुद भी सुरक्षित रहना एवं परिवार, समाज व देश को सुरक्षित रखना हमसब की जिम्मेदारी है। इस सोच से निकला होगा कि मस्जिदों में ही नमाज पढऩे से अल्लाह खुश होगा। घर में रहकर हम अल्लाह की इबादत करें एवं सबकी सलामती की दुआ करें। अल्लाह हमारे रोजे व इबादत को कबूल कर सबकी हिफाजत करेगा। इसके साथ ही हम गरीबों की मदद करें। इस वायरस की वजह से काफी संख्या में लोगों का रोजगार छिन गया है। ऐसे मजबूर-गरीब की मदद करना सबकी जिम्मेदारी है। इससे अल्लाह खुश होगा। माह-ए-रमजान हमदर्दी का महीना है। कोरोना को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन तय किया है उसका पालन कर हम देश के एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज पूरा कर अपने वतन एवं वतन के लोगों की हिफाजत में अपना फर्ज पूरा करें।