Muzaffarpur News: दादी धाम में द्विवार्षिक आमसभा, नए सदस्यों को मिली जिम्मेदारी
मंदिर परिसर में नारायणी खंड का किया गया गठन ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष बोले- सामाजिक कार्यों से दादी धाम की कृति होगी पूरे प्रदेश में। श्रीरानी सती दादी मंदिर में नवनिर्मित नारायणी खंड की विस्तृत जानकारी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष श्याम सुंदर भीमसरिया ने दी।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। श्रीराणी सती मंदिर दादी धाम में रविवार को द्विवार्षिक आमसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान ट्रस्ट बोर्ड के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई। इसका उद्घाटन ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष श्याम सुंदर भीमसेरिया, विशिष्ट अतिथि मोतीलाल छापरिया, डॉ.रतन नाथानी, पुरुषोत्तम पोद्दार, श्रीराम बंका ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सभी सदस्यों का स्वागत प्रबंध समिति के अध्यक्ष रतनलाल तुलस्यान ने किया। ट्रस्ट बोर्ड के सचिव ने आगंतुकों का संबोधित किया।
प्रबंध समिति के मंत्री रमेश झुनझुनवाला ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उपस्थित सदस्यों ने सीए गोपाल तुलस्यान को सर्वसम्मति से अंकेक्षक नियुक्त किया। श्रीरानी सती दादी मंदिर में नवनिर्मित नारायणी खंड की विस्तृत जानकारी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष श्याम सुंदर भीमसरिया ने दी। अगले दो वर्ष के लिए प्रबंध समिति के संरक्षक के रूप में कैलाश नाथ भरतिया, देवेंद्र चाचान को जिम्मेवारी दी गई। सभा में मुख्य रूप से भगवती नमानी, राजीव केजरीवाल, गरीबनाथ बंका, आलोक संगनेरिया, राजकुमार तुलस्यान, कैलाश ढंढ़ारिया मौजूद रहे। मंदिर कार्यसमिति के नए सदस्यों का चुनाव निॢवरोध हुआ। नए सदस्यों में आलोक केजरीवाल, जयप्रकाश सराफ, प्रभात बंका, प्रकाश कुमार तुलस्यान, राजकुमार डालमिया, रमेश कुमार चौधरी, रमेश कुमार तुलस्यान, रतनलाल तुलस्यान, संतोष कुमार जालान, श्याम डालमिया, श्याम सराफ, राम गोपाल जालान, श्रवण सराफ, राज कुमार नाथानी, हरीश जिंदल शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन पवन ढंढ़ारिया ने किया।
सावित्री बाई फूले की जयंती पर पुरखा-पुरनिया संवाद
मुजफ्फरपुर : सरला श्रीवास सामाजिक-सांस्कृतिक शोध संस्थान की ओर से पुरखा-पुरनिया संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें देश की पहली महिला शिक्षक सावित्री बाई फुले की जयंती के मौके पर संस्था की मुख्य संरक्षक कांता देवी ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सुनील कुमार ने बताया कि सावित्री बाई ने शिक्षा की आवश्यकता समझी। विपरीत परिस्थितियों में स्थापित व्यवस्था के विरोध में जाकर शिक्षा के क्षेत्र में महान कार्य किए। लोकगायिका ने आधी आबादी के अईसन बरबादी कि अब न सहाला हो...हमके त चाही आजादी कि हमरा सब कुछ बुझाला हो गीत की प्रस्तुति से स्त्री स्वतंत्रता की बात कही। विद्यासागर ने कहा कि हमें पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक शिक्षा भी प्राप्त करनी चाहिए। खुशबू कुमारी, प्रसार केंद्र के सचिव मो.जमाल अकबर, प्रमिला देवी, महेशर पासवान, दशरथ कुमार, अविनाश कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन सरला श्रीवास्तव ने किया।